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140 EWS कैंडिडेट्स ने 1 करोड़ फीस देकर मेडिकल कॉलेज में लिया एडमिशन, कर्नाटक में PG NEET exam में हुआ बड़ा खेल140 EWS candidates paid 1 crore rupees as fees to secure admission to medical colleges, a major scandal erupted during the PG NEET exam in Karnataka. .

 बेंगलुरु : 8 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाले लोग आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग में आते हैं। उन्हें लेकर कर्नाटक से एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां ईडब्लूयएस के 140 उम्मीदवारों ने निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन और एनआरआई कोटे की सीट चुनी है। वे भारी फीस देकर डायग्नॉस्टिक स्पेशलिटी में पोस्ट ग्रैजुएशन करेंगे। इस कोर्ट की ट्यूशन फीस ही 25 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये प्रति वर्ष तक है। यह मामला सामने आने के बाद ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।


एक स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर ने जो बताया वह हैरान कर देने वाला है। उसने कहा कि वे ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार के रूप में पीजी नीट परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। जब उनकी रैंक बहुत कम आती है, तो वे एनआरआई बन जाते हैं। फिर एनआरआई कोटे में करोड़ों रुपये की फीस देते हैं या प्रबंधन कोटे की सीटें लेते हैं।

पिछले साल भी सामने आए थे केस

पूरे कोर्स की लागत 1 करोड़ रुपये से भी अधिक है। ट्रेनी डॉक्टर ने कहा कि ऐसा केवल भारत में ही हो सकता है। डॉक्टर ने आगे कहा कि ऐसा पिछले साल भी हुआ था, फिर भी सरकार ने फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र वाले उम्मीदवारों के मामले की कोई जांच नहीं की, जो योग्य उम्मीदवारों के अवसरों को प्रभावित करते हैं।

एनआरआई कोटे में ली सीट

एक EWS उम्मीदवार की NEET रैंक 1.1 लाख से कम थी। उसने बेलगावी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में स्किन स्पेशलिटी में MD के लिए NRI कोटा सीट ली है। यहां इस विशेषज्ञता के लिए NRI के लिए वार्षिक ट्यूशन फीस एक करोड़ रुपये से अधिक है। 84,000 से कम रैंक वाले एक अन्य EWS उम्मीदवार ने पुडुचेरी के विनायक मिशन्स मेडिकल कॉलेज में सामान्य चिकित्सा में MD के लिए NRI कोटा सीट चुनी है। जिसकी ट्यूशन फीस 55 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक है।

ऐसे सीटों पर हुआ खेल

तीन EWS उम्मीदवारों ने संतोष मेडिकल कॉलेज में रेडियो डायग्नोसिस (76 लाख रुपये प्रति वर्ष), जनरल फिजिशन और गायनकॉलजिस्ट जैसी विशेषज्ञताओं में स्नातकोत्तर सीटों का विकल्प चुना है, जिनकी फीस 50 लाख रुपये प्रति वर्ष है। सामान्य में स्नातकोत्तर के लिए 16 प्रबंधन कोटा सीटों में से नवी मुंबई के डॉ. डी.वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन में से चार सीटें ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों ने ली हैं। इस कोर्स की ट्यूशन फीस 48.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। एक ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार ने इसी कॉलेज में एमएस ऑर्थोपेडिक्स के लिए एक सीट चुनी है, जिसकी वार्षिक ट्यूशन फीस 62.5 लाख रुपये है।कर्नाटक में सीटों का हाल

मेडिकल कॉलेजों में सीटों के आवंटन का पहला दौर पूरा हो चुका है और लगभग 27,000 उम्मीदवारों के आवंटन की घोषणा की जा चुकी है। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 52,000 से अधिक स्नातकोत्तर सीटें हैं, जिनमें एमडी, एमएस और पीजी डिप्लोमा सीटें शामिल हैं। अगस्त में आयोजित नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में 2.4 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए और लगभग 1.3 लाख उत्तीर्ण हुए।

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