एक दिन के अंतराल में दोनों नेता अजमेर आए।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव 24 अक्टूबर को अजमेर आए। जबकि हाल ही में जेल से रिहा हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने 25 अक्टूबर को अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत की। अब राजनीतिक क्षेत्रों में आजम खान का अखिलेश के साथ न आना चर्चा का विषय बना हुआ है। अखिलेश यादव लखनऊ से स्पेशल प्लेन से किशनगढ़ (अजमेर) एयरपोर्ट पर उतरे और फिर आरके मार्बल संस्थान की फैक्ट्रियों में मार्बल पत्थर को देखा।
अखिलेश के पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का सैफई में म्यूजियम बन रहा है, इसलिए अखिलेश मार्बल देखने के लिए किशनगढ़ आए। जबकि आजम खान अपने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर ख्वाजा साहब की दरगाह आए। अखिलेश और आजम खान एक दिन के अंतराल में अजमेर आए इसलिए भी यह सवाल उठ रहा है कि अखिलेश यादव दरगाह जियारत के लिए अपने साथ आजम खान को क्यों नहीं लाए? यदि अखिलेश के साथ आजम भी आते तो इसका फायदा समाजवादी पार्टी को ही मिलता। मालूम हो कि किशनगढ़ एयरपोर्ट से ख्वाजा साहब की दरगाह की दूरी मुश्किल से 20 किलोमीटर की है। किशनगढ़ उपखंड अजमेर जिले में ही आता है। अखिलेश यादव को भले ही दरगाह जियारत न करनी हो हो, लेकिन वे लखनऊ से किशनगढ़ एयरपोर्ट तक तो आजम खान को अपने साथ प्लेन में ला ही सकते थे। अखिलेश ने किशनगढ़ में मार्बल पत्थर देखने में चार घण्टे का समय लगाया, तब तक आजम खान दरगाह जियारत कर वापस एयरपोर्ट आ सकते थे।
जियारत के बाद नमाज:
25 अक्टूबर को आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ अजमेर आए और यहां ख्वाजा साहब की दरगाह में सूफी परंपरा के अनुरूप जियारत की। जियारत के बाद आजम खान ने औलिया मस्जिद में नमाज भी अदा की। यहां मीडिया से संवाद करते हुए आजम ने कहा कि अभी उनका राजनीति में सक्रिय होने का विचार नहीं है। क्योंकि वे पहले स्वस्थ होना चाहते हैं। जेल से जिंदा आना ही उनके लिए बड़ी बात है। ख्वाजा साहब की दरगाह में आकर उन्हें सुकून मिला है। आजम ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने उन पर 114 और परिवार के सदस्यों पर 300 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए है। पत्नी के साथ शराब की दुकानें लुटने से लेकर डकैती तक के आरोप पुलिस ने लगाए हैं। इन सभी मुकदमों का वे मुकाबला कर रहे है। दरगाह पहुंचने पर खादिमों ने आजम खान का इस्तकबाल किया, खादिम यामीन हाशमी ने जियारत करवाई। आजम की दरगाह की परंपरा के अनुसार दस्तारबंदी भी की गई।

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