सबसे विवादित और नामी शराब माफिया सूरज रजक ने परसों रात शहर में दनादन गोलियां चलाकर सनसनी फैलाने का अपराध जो गुनाह किया है। वो माफी के काबिल नहीं है, लेकिन सूरज के रसूख की रोशनी के चलते चौंधियाई आंखों से पुलिस केवल इसे मामूली मारपीट और हमले के रूप में ही देख पाई, जबकि समाजसेवी का चोला ओढ़े इस माफिया ने रसूख की ठसक में अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर दो युवकों पर धांय-धांय गोलियां बरसाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की।
इसे सौभाग्य ही कहेंगे कि युवक बचकर भाग निकले। हालांकि इसे हवाई फायर का नाम दिया गया, लेकिन घटनाक्रम जानलेवा हमले से कम नहीं है। पुलिस की इस कार्यप्रणाली ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे अहम सवाल ये है कि क्या पुलिस की नजर में अपराधी के हिसाब से कानून और कानून की धाराएं अलग-अलग होती है, जबकि पूर्व में हुए ऐसे ही कई मामलों में पुलिस ने कातिलाना हमले की कार्रवाई की है। उधर सूरज राजीनामे की पिक्चर सेट करने में लगा हुआ है।
पीड़ित स्नेहराज जाट 25 निवासी दुधिया गांव ने खुलासा फर्स्ट से चर्चा करते हुए घटना वाले दिन की आपबीती बताते हुए बताया कि घटना दिनांक को दोस्त अर्पित गुर्जर के साथ घर की ओर जा रहा था, जैसे ही मयंक ब्लू वॉटर पार्क वाले रोड तरफ से ब्रिज के यहां पहुंचा और नेमावर रोड की ओर टनल के नीचे से गाड़ी ली तभी ब्लैक कलर की रॉन्ग साइड एक कार आई और बाइक को टक्कर मार दी। कार सवार को ठीक से चलने को कहा तो उसमें बैठा सूरज रजक बोला- किसे बोल रहा है, मैंने बोला तुम्हें बोल रहा हूं... रॉन्ग साइड में गाड़ी चला रहे हो।
तुम्हारी साइड उधर है तो तूम उधर से निकालते, तो सूरज बोलने लगा 'अब तू सिखाएगा हमें मैंने कहा सीखने वाली बात नहीं है, बात समझदारी वाली है। तो कहने लगा तुझे तेरी औकात दिखा दूंगा। उसे कहा 'हां दिखा दे' जिसके बाद सूरज बोलने लगा रुक अभी बुलाता हूं, कहकर गालियां देने लगा। शेखी बघारते हुए बोलने लगा सूरज रजक बोलते हैं, तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं, उसके बाद उसने कॉल कर अपने साथियों को आने को कहा। कुछ देर में एक ब्लैक कलर की रेंज रॉवर कार आई और उसमें बैठे युवकों ने आते ही डंडे से हमला कर दिया। सूरज और उसके साथी डंडे, हाथ थप्पड़ से मारपीट करने लगे।
उसे बोला गलती कर रहे हो ऊपर से मारपीट भी, तो हमें गालियां देते हुए अपने गुर्गों को कहने लगा कार में पिस्टल रखी है, निकाल और ठोक दे इन्हें... सूरज के गुर्गे ने पिस्टल निकाली और हम पर तान दी, पिस्टल देखकर हम घबरा गए जिसके बाद हमने हाथ जोड़कर जैसे-तैसे बाइक स्टार्ट कर मौके से थाने के लिए गाड़ी दौड़ा ली। उन्होंने हवाबाजी के लिए हमारे ऊपर एक-दो फायर भी किए। जिसमें हम बाल-बाल बच गए। जिसके बाद हम सीधे थाने पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी। बयान के बाद सूरज रजक और उसके साथियों पर केस दर्ज किया। कनाडिया टीआई सहर्ष यादव के मुताबिक सुरज रजक पर विभिन्न धारा में केस किया है, हालांकि उस पर दर्ज धाराएं जमानती है।
पुलिस चाहती तो हो जाता कातिलाना हमले का केस दर्ज!
एक तरफ जहां पीड़ित खुद कह रहा है कि उस पर फायर किए गए थे। उधर थाना पुलिस ने उसके बयान होने के बावजूद सूरज पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज ना करते हुए जमानती धाराओं में केस दर्ज कर लिया। जिसमें कि पिस्टल से हुए फायर में पीड़ित और उसके दोस्त की जान जा सकती हैं। पुलिस ने अभी तक इसकी तह तक पड़ताल नहीं की है कि पिस्टल लायसेंसी थी या अवैध, पुलिस सिर्फ अभी जांच में जुटी है। बताया जा रहा है कि पीड़ित के थाने पहुंचने की खबर सूरज को लग गई थी, जिसके चलते दबाव प्रभाव बनाया गया और गंभीर मामले को मामूली बना दिया गया।
क्या कोई भी कर सकता है फायर !
एक तरफ शहर पुलिस लायसेंसी बंदूक से फायर करने वालों को रंगदारी दिखाने पर दंडित कर कार्रवाई कर देती हैं। उसके लायसेंस तक को रद्द करवाने की बात कहती, लेकिन इस मामले में थाना पुलिस ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिसमें कि पीड़ित को डंडे, लात-घूंसे, थप्पड़ से पीटने के बाद फायर किया गया। यदि शहर का हर लायसेंसधारी मामूली विवाद में इस तरफ से रंगदारी दिखाने के लिए फायर करे तब भी क्या पुलिस उसपे कोई कार्रवाई नहीं करेगी। जिसमें कि इस मामले में पीड़ित की जान भी जा सकती थी। इसका खुलासा खुद पीड़ित ने किया है कि फायर उस पर ही किया गया था।
राजीनामे की जुगाड़ में लगा सूरज थाने का भी करने वाला था घेराव
इधर पीड़ित ने खुलासा फर्स्ट को बताया कि सूरज की ओर से मेरे रिश्तेदारों और बड़ों को राजीनामे के लिए लगातार कॉल आ रहे। राजीनामे के लिए दबाव बनाया जा रहा हैं। अब देखते हैं जो बड़े लोग करेंगे उसमें ही राजी हैं। इधर केस दर्ज होने के बाद शराब माफिया सूरज रजक नेताओं के कंधे पर बंदूक रख अपने पर हुए केस दर्ज होने के विरोध में अपने गुर्गों के साथ थाने का घेराव करने वाला था। सूचना लगते ही जोन 2 पुलिस ने भी कमान संभाल ली और बड़ी संख्या में पुलिस बल को थाने पर तैनात कर दिया। सूत्रों के मुताबिक ऊपर से आदेश थे कि पुलिस फ्री हैंड हैं।
जिसके चलते जोन 2 पुलिस भी इंतजार में थी कि कब सूरज आए और उसकी खातिरदारी की जाए। इधर भारी पुलिस बल तैनात होने की खबर लगते ही और खातिरदारी होने की खबर लगते ही घेराव करने वाले सूरज ने कन्नी काट ली और विरोध प्रदर्शन करने नहीं पहुंचा। जिसमें कि सूरज रजक ने खुद सोशल मीडिया पर थाने का घेराव करने और साथियों की उपस्थिति दर्ज करने की पोस्ट की थी। हालांकि उसने पोस्ट अपने एकाउंट से डिलीट कर दी हैं।

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