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आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण क्या हैं? कैसे बचाव करें?What are the early symptoms of arthritis? How can I prevent it?

 

Arthritis: आर्थराइटिस जोड़ों की एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियों के जोड़ सूज जाते हैं और उनमें दर्द, अकड़न या सूजन महसूस होती है. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, महिलाओं और जिनके परिवार में यह समस्या पहले से रही हो, उनमें इसका खतरा ज़्यादा होता है. आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉयड आर्थराइटिस सबसे आम हैं. अगर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो इसके कारण चलने-फिरने की क्षमता तक प्रभावित हो सकती है.



आर्थराइटिस के कारणों में उम्र बढ़ना, जोड़ों पर अत्यधिक दबाव, पुरानी चोटें, शरीर में कैल्शियम की कमी, मोटापा और इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी शामिल हैं. रूमेटॉयड आर्थराइटिस में शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला करता है, जिससे सूजन और दर्द बढ़ता है. वहीं, ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों की हड्डियों के बीच मौजूद कुशन यानी कर्टिलेज धीरे-धीरे घिस जाता है. इसका खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो ज्यादा वजन ढोते हैं, गलत पोजीशन में बैठते हैं या लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहते हैं. समय रहते इलाज न मिले तो हड्डियों का घिसाव बढ़ जाता है और जोड़ स्थायी रूप से जकड़ सकते हैं. इससे व्यक्ति को चलने-फिरने और दैनिक काम करने में कठिनाई होती है.

आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में डॉ.एल.एच. घोटेकर बताते हैं कि आर्थराइटिस की शुरुआत आमतौर पर जोड़ों में हल्के दर्द और अकड़न से होती है, जो धीरे-धीरे बढ़ने लगती है. सुबह उठने पर घुटनों, उंगलियों या कमर में जकड़न, सूजन या भारीपन महसूस होना इसके शुरुआती संकेत हैं. ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों के बीच का कर्टिलेज घिसने लगता है, जिससे घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी में दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई होती है.

वहीं रूमेटॉयड आर्थराइटिस में दर्द आमतौर पर दोनों तरफ के समान जोड़ों में होता है, जैसे दोनों घुटने या दोनों कलाई और प्रभावित जगह पर गर्मी व लालपन भी दिख सकता है. मौसम बदलने या ठंड बढ़ने पर दर्द और सूजन ज्यादा महसूस होती है. अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए ताकि बीमारी बढ़ने से पहले कंट्रोल की जा सके.

कैसे बचाव करें?

रोजाना हल्का व्यायाम या योग करें ताकि जोड़ों में लचीलापन बना रहे.

वजन कंट्रोल रखें, ताकि जोड़ों पर ज्यादा दबाव न पड़े.

कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर डाइट लें.

लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने से बचें.

ठंड के मौसम में जोड़ों को गर्म रखें.

दर्द या सूजन महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

तली-भुनी चीजें और जंक फूड से परहेज करें.

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