अमेरिकी सुरक्षा बलों ने प्रशांत महासागर में एक बड़ी कार्रवाई की है. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बताया कि अमेरिकी सेना ने प्रशांत महासागर में एक नशीले पदार्थ तस्करी की शक वाली नाव पर घातक हमला किया है, जिसमें नाव पर सवार दो लोग मारे गए हैं. यह हमला अमेरिकी सैन्य अभियान के दायरे के बढ़ने का साफ संकेत है, क्योंकि अमेरिका ने ऐसे हमले तेज कर दिए हैं.
यह हमला सितंबर की शुरुआत के बाद से अमेरिकी सेना की ओर से नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाली कथित नावों पर किया गया आठवां ज्ञात हमला है. ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले सातों हमले सिर्फ कैरेबियन सागर में किए गए थे, जबकि यह पहली बार है जब प्रशांत महासागर में भी अमेरिका ने ऐसा हमला किया है.
रक्षा मंत्री हेगसेथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया कि यह नाव एक आतंकवादी संगठन kr ओर से संचालित हो रही थी और उसमें नशीले पदार्थों की तस्करी हो रही थी.
नशीले पदार्थ तस्करी की ‘अल-कायदा’ से तुलना
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने नशीले पदार्थों के तस्करों की तुलना आतंकी संगठन अल-कायदा से करते हुए एक सख्त बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, “जिस तरह अल-कायदा ने हमारे देश पर युद्ध छेड़ा था, यह कार्टेल हमारी सीमा और हमारे लोगों पर युद्ध थोप रहे हैं. उनके लिए न तो कोई शरणस्थली होगी और न ही माफी, सिर्फ न्याय होगा.” उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले में अमेरिकी सैनिकों का कोई नुकसान नहीं हुआ.
कानूनी आधार और नीतिगत दुविधा
CNN की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रशासन ने कार्टेल और संदिग्ध ड्रग तस्करों के खिलाफ घातक हमलों को कानूनी जामा पहनाने के लिए एक गोपनीय कानूनी राय तैयार की है. जानकारों का कहना है कि यह राय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ड्रग तस्करों को विद्रोही लड़ाकों के रूप में मानती है, जिन्हें बिना किसी न्यायिक समीक्षा के मारा जा सकता है.
हालांकि, इस नीति की वजह से कानूनी दुविधाएं भी पैदा हो रही हैं. पिछले हफ्ते, हमले में बच गए दो लोगों को उन्हें हिरासत में रखने के लिए कानूनी अधिकार की स्पष्टता के अभाव में, उनके मूल देश इक्वाडोर और कोलंबिया भेज दिया गया था.

Post a Comment