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उद्धव ठाकरे की चुनाव आयोग को चेतावनी Uddhav Thackeray's warning to the Election Commission


महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी गुट की ओर से सोमवार को मुंबई में एक रैली हुई. इस रैली में पार्टी के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तो कड़ा हमला बोला ही साथ ही साथ उन्होंने चुनाव आयोग को भी चेतावनी दे दी. उद्धव ने कहा है कि अगर आप तानाशाही नहीं चाहते, तो यही समय है. मैं चुनाव आयोग से फिर कहता हूं कि आप गलतियां सुधारे बिना चुनाव नहीं करा पाएंगे.



रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे उन्हें बर्बाद करना चाहते हैं, वे उन्हें खत्म करना चाहते हैं इसलिए वे सत्ता में आना चाहते हैं. अगर आप तानाशाही को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहते हैं तो यही सही समय है. मैं चुनाव आयोग से फिर कहता हूं कि आप अपनी गलतियों को सुधारे बिना चुनाव नहीं करा पाएंगे. हम दो चुनाव आयुक्तों से मिले, उन्होंने हमें राज्य चुनाव आयोग जाने को कहा. हम वहां भी गए.

उद्धव बोले- लोकसभा में बढ़त फिर विधानसभा में कम सीट कैसे

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि हमें लोकसभा में सफलता मिली जबकि उसके ठीक बाद हुए विधानसभा चुनाव में केवल 20 सीटें ही कैसे आईं? क्या हम हार सकते हैं? मैंने कोरोना काल में मुसलमानों सहित सभी के साथ समान व्यवहार किया. क्या वह मतदाता मेरे साथ इतना अशिष्ट व्यवहार कर सकता है? यह मतदाताओं का वोट नहीं है.

इशारों ही इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि वे लोग हमारे लोगों को तोड़कर हमारे खिलाफ खड़ा कर रहे हैं. वे हमारे ही दो लोगों के बीच लड़ाई पैदा कर रहे हैं. बीजेपी का यह घातक तरीका है. मैं अंधभक्तों से कहता हूं कि आंखों पर पट्टी बांधकर मत जाओ. जब आंखों पर से पट्टी हटेगी, तो आपको पता चलेगा कि परिवार संकट में है.

उद्धव बोले- आज सरकार मतदाताओं को चुनती है

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कटाक्ष किया और कहा कि लोकतंत्र में मतदाता सरकार चुनते हैं, लेकिन आज सरकार मतदाताओं को चुनती है. फर्जी मतदाताओं के कदाचार के लिए चुनाव आयुक्त के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव जीतने और केंद्र में सरकार बनाने के बाद ऐसे चुनाव आयुक्तों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. बीजेपी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था लेकिन वह अब भी आत्मनिर्भर भाजपा नहीं बन सकी है क्योंकि वह पार्टियों को तोड़ने और वोट चुराने का सहारा लेती है.

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