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सुमित मिश्रा के साथ स्वाति काशिद" विरोध के बीच "जश्न में दिखी..!Swati Kashid with Sumit Mishra seen celebrating amidst the protests.

 

शाम को विरोध रात को जश्न"ये भाजपा में ही संभव है, इन नजारों ने ये साफ कर दिया है"मंत्री पद तो झांकी है पार्षद बनाना बाकी है"मंत्री पद के बहाने पार्षद पद का रोडमैप तैयार राजनीतिक गलियारों में हलचल.. तेज' 

इन्दौर : विरोध के बीच जश्न या विरोध जश्न में बदला" देर शाम इन्दौर के बीजेपी कार्यालय से लेकर सोशल मीडिया तक मचे... हल्ले के बाद शाम को वो तस्वीर भी साफ हो गई"जिसमें विरोध के चलते जश्न के ठंडे होने की बात सामने आ रही थी_खास बात ये रही की इन्दौर नगर पदाधिकारियो की सुमित टीम में स्वाति काशिद जो लगभग चर्चाओं में है_वो भी सुमित मिश्रा के साथ विरोध के बीच शुरू हुए जश्न में नजर आई। इसके बाद तो ये साफ हो गया कि कतई सुमित मिश्रा की टीम से स्वाति काशिद का नाम नहीं कटेगा_जैसा पहले पार्षद उम्मीदवार बनने के बाद विरोध के चलते हुआ था _सूत्रों से मिली खबर के अनुसार युवराज स्वाति काशिद को जश्न में शामिल कर संदेश देने की कोशिश हुई है। बता दे कि इन्दौर के इसी बीजेपी कार्यालय से शाम को सुमित मिश्रा के पोस्टरो, व नेम प्लेट पर कालिक पोतने की खबरें सामने आई थी। जो विरोध को दर्शा रही थी"विरोध के बीच शुरु हुए इस जश्न ने विरोध को दबाने का काम तो किया ही है। मीडिया में युवराज स्वाति काशिद को लेकर अच्छी खबरें नहीं है...खबर है कि विधायक रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय की मुहर के बाद स्वाति काशिद का नाम भाजपा नगर मंत्री की सूची में सुमित मिश्रा की टीम के साथ में तालमेल बैठाकर सेट किया गया है। सूत्रों से यह भी खबर है कि इससे पहले स्वाति काशिद को जो पार्षद उम्मीदवार बनाया गया था उसमें भी आकाश की सिफारिश के बाद नाम तय हुआ था। स्वाति काशिद को इस दफा विरोध के बीच निर्विरोध"टीम सुमित मिश्रा का हिस्सा बनाएं रखने के लिए कुछ और ही किस्सा तैयार किया गया है इसके पीछे पार्षद चुनाव में दोबारा उम्मीदवार बनाए जाने और फिर जीत दर्ज कराकर नगर सरकार में मौका देने की बात भी सामने आ रही है.. बीजेपी नगर मंत्री तो नाम केवल संगठन में सेटिंग के लिए है, असल में पार्षद उम्मीदवारी "बनाकर जीत दर्ज कराकर पार्षद बनाने की तैयारियां तेज हो रही है।

हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में कमजोर होती भाजपा !

भाजपा की नगर कार्यकारिणी गठित हुई कार्यकर्ताओ ने विरोध किया और इंदौर नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा की नेम प्लेट पर भाजपा के विध्न संतोषी कार्यकर्ताओं ने कालिख पोत दी सवाल भाजपा नगर अध्यक्ष के कार्यालय का है पिछले पंद्रह सालों में कोई भाजपा कार्यकर्ता केमरे की फ़ौज के साथ कालिख लेकर इंदौर भाजपा कार्यालय में नहीं घुसा ! भाजपा कार्यालय की चौकसी और सुरक्षा समझ में आती है !सुमित मिश्रा ने भाजपा कार्यकारिणी का गठन नहीं किया जो किया भाजपा हाईकमान ने फिर कैमरे से सुसज्जित कालिख भाजपा कार्यालय कैसे पहुंची कालिख पोतने वाले अब तक भाजपा से निष्कासित क्यो नहीं हुवा उक्त घटना प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और उनकी टीम पर सवालिया निशान खड़े करती है!

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