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सुप्रीम कोर्ट ने वकील के खिलाफ जारी किया जमानती वारंट, SCBA चुनाव समिति और जजों के खिलाफ 'अपमानजनक' पुलिस शिकायत दर्ज कराने का आरोप !Supreme Court issues bailable warrant against lawyer for filing 'defamatory' police complaint against SCBA election committee and judges

 

सुप्रीम कोर्ट ने उस वकील के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया, जिसने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के चुनाव कराने के लिए गठित चुनाव समिति के सदस्यों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई। अदालत ने कहा कि वकील ने अदालत के जजों पर भी आरोप लगाने से परहेज नहीं किया और पिछले निर्देशों के बावजूद व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुआ। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने SCBA बनाम बीडी कौशिक मामले में यह आदेश पारित किया और कहा कि वकील का आचरण प्रथम दृष्टया अदालत की आपराधिक अवमानना ​​के समान है।



आदेश इस प्रकार लिखा गया: "SCBA चुनाव कराने के लिए इस न्यायालय द्वारा गठित चुनाव समिति के सदस्यों के विरुद्ध तिलक नगर थाने में वकील डॉ. मुकुट नाथ वर्मा द्वारा की गई निंदनीय और तुच्छ शिकायत से अवगत होने के बाद उक्त वकील को 29 मई को सुबह 10.30 बजे न्यायालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। ऐसा न करने पर यह स्पष्ट कर दिया गया कि 'हम उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाएंगे।' व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के बजाय डॉ. मुकुट नाथ वर्मा 29 मई को ऑनलाइन उपस्थित हुए। उनकी ऑनलाइन उपस्थिति स्वीकार नहीं की गई और उन्हें अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट न तो वह उपस्थित हुए और न ही उनकी ओर से किसी और ने उपस्थिति दर्ज कराई। ऐसी कोई जानकारी या रिकॉर्ड नहीं है कि उन्होंने चुनाव समिति के सदस्यों को बदनाम करने के लिए दायर की गई निंदनीय याचिका/शिकायत वापस ली। वास्तव में शिकायत की विषयवस्तु से पता चलता है कि उक्त वकील ने इस न्यायालय के जजों को भी नहीं बख्शा। उनके आचरण के कारण, जो प्रथम दृष्टया न्यायालय की आपराधिक अवमानना ​​का गठन करता है, यह तथ्य कि वह स्पष्ट निर्देशों के बावजूद उपस्थित नहीं हुए हैं। 

जारी किए गए मामले में वकील डॉ. मुकुट नाथ वर्मा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 10,000 रुपये के ज़मानती वारंट जारी किए जाएं। मज़ाक तिलक नगर पुलिस स्टेशन के संबंधित डीसीपी और एसएचओ को ज़मानती वारंटों का निष्पादन सुनिश्चित करने और अगली तारीख पर डॉ. मुकुट नाथ वर्मा की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। ऐसा न करने पर न्यायालय ने कहा कि वह गैर-ज़मानती वारंट जारी करने के लिए बाध्य होगा। बता दें, डॉ. मुकुट नाथ वर्मा द्वारा चुनाव समिति के सदस्यों और सीनियर वकीलों विजय हंसारिया, जितेंद्र मोहन शर्मा और महालक्ष्मी पावनी के नाम से शिकायत दर्ज कराई गई। इसमें दावा किया गया कि चुनाव आयोग के सदस्यों ने परोक्ष उद्देश्यों से SCBA अध्यक्ष और अन्य पदों पर उम्मीदवारों को अनुचित तरीके से निर्वाचित करवाया, इसलिए एक जांच आवश्यक है। : सुप्रीम कोर्ट ने ECI से पूछा SCBA में सुधारों के मुद्दे पर खंडपीठ ने कहा कि सीनियर एडवोकेट और SCBA अध्यक्ष विकास सिंह द्वारा प्रस्तुत SCBA के सुझाव और सीनियर एडवोकेट और समिति के अध्यक्ष विजय हंसारिया द्वारा प्रस्तुत 2025 चुनाव समिति की सिफारिशों को SCBA की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। सुझावों को अपलोड करने के बाद सुप्रीम कोर्ट बार के सदस्य 2 सप्ताह के भीतर SCBA को अपने इनपुट/राय दे सकते हैं

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