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आउटसोर्स कर्मचारियों की अटेंडेंस के लिए आया नियम, सरकार के आदेश जारी, नहीं माने तो रुकेगा वेतनRules for attendance for outsourced employees have been issued, and government orders have been issued, withholding salaries if they fail to comply.

 इंदौर: 1 नवंबर से प्रदेश के सभी नगर निगमों में फेस अटेंडेंस सिस्टम (Face Attendance System) अनिवार्य कर दिया गया है। यानी अब कर्मचारियों को चेहरा दिखाकर ही उपस्थिति दर्ज करनी होगी, अन्यथा वेतन जारी नहीं किया जाएगा। पहले इस प्रक्रिया से आउटसोर्स कर्मचारियों को छूट दी गई थी, लेकिन नगरीय प्रशासन विभाग ने अब उन्हें भी इस दायरे में शामिल कर लिया है।



मोबाइल से भी हो सकेगी हाजिरीइंदौर नगर निगम में फिलहाल सभी कार्यालयों में एक-एक फेस अटेंडेंस मशीन लगाई गई है। कर्मचारियों की सुविधा के लिए अब वे मोबाइल ऐप से भी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। हालांकि, यह सुविधा केवल रजिस्टर्ड लोकेशन (दफ्तर या तय कार्यस्थल) पर ही काम करेगी। यदि कर्मचारी तय स्थान से दूर होगा तो उपस्थिति दर्ज नहीं होगी।

वेतन रुकेगा, अगर नहीं लगेगी अटेंडेंसइंदौर निगम की स्थापना शाखा के अपर आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि नई पद्धति से उपस्थिति दर्ज करना सभी के लिए अनिवार्य है। अब आधार-आधारित केंद्रीकृत उपस्थिति सिस्टम से ही ड्यूटी टाइम दर्ज किया जाएगा। जिन कर्मचारियों ने पंजीयन नहीं कराया है

, उनके लिए 30 अक्टूबर आखिरी तारीख तय की गई थी। फेस अटेंडेंस के बिना वेतन नहीं दिया जाएगा।भोपाल आगे, इंदौर पीछेप्रदेशभर में इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है। इंदौर: 22,582 कर्मचारियों में से केवल 3,828 ने फेस अटेंडेंस दर्ज की। भोपाल: 19,739 कर्मचारियों में से 12,577 ने हाजिरी लगाई। इस मामले में इंदौर सबसे पीछे और भोपाल अव्वल है। मस्टर कर्मचारी संघ के संयोजक प्रवीण तिवारी ने कहा कि ‘शासन का आदेश सभी के लिए समान होना चाहिए, ताकि कर्मचारियों के बीच हो रहे मतभेद खत्म हों।’

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