8 घंटे की दूरी 36 मिनट में पूरी होगी, 1800 लोग बैठ सकेंगे; 2032 में शुरू हो जाएगा
उत्तरांखड जिले के रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग से केदारनाथ मंदिर तक रोपवे बनने जा रहा है। भारत सरकार ने यह प्रोजेक्ट अदाणी समूह को सौंपा है। रोपवे करीब 4081 करोड़ रु. में समुद्र तल से 12 हजार फीट ऊपर और कठिन पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच तैयार होगा।
अभी सोनप्रयाग से केदार धाम की पैदल दूरी 21 किमी है, लेकिन रोपवे से यह 12.9 किमी रह जाएगी और 7 से 8 घंटे में होने वाली यात्रा महज 36 मिनट में पूरी हो जाएगी। रोपवे की शुरुआत 2032 तक हो जाएगी।
अप्रैल 2026 तक शुरु होगा काम
हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रशांत जैन ने बताया कि वहां तीन साल पहले अलाइनमेंट के लिए एक सर्वे कर चुके हैं। अब अदाणी ग्रुप अपने स्तर पर सर्वे करेगा। यह काम मार्च-अप्रैल 2026 में शुरू होगा।
बता दें कि पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 21 नवंबर 2022 को किया था। इसी साल मार्च में कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी।
रोपवे में दुनिया के पहले ट्राई केबिल डिटैचेबल 50 गोंडोला होंगे
रोप वे पर गोंडोला 11 घंटे चलेगा, प्रत्येक में 36 सीट होंगी। इनसे 36 मिनट में 1800 यात्री सोनप्रयाग से केदारधाम आ-जा सकेंगे। रोपवे में दुनिया के पहले ट्राई केबिल डिटैचेबल 50 गोंडोला लगेंगे।
हरिद्वार से सोनप्रयाग 228 किमी दूर है, जो कार से 7 घंटे का सफर है। अभी केदारनाथ धाम आने-जाने में 3 दिन लग जाते हैं। रोपवे बनने के बाद 2 दिन में पूरा हो जाएगा।
रोपवे रूट पर 22 टावर, 5 स्टेशन होंगे
पूरे रूट पर 22 टावर, पांच स्टेशन सोनप्रयाग, गौरीकुंड, चिरबासा, लिनचोली, केदारधाम होंगे। चिरबासा, लिनचोली तकनीकी स्टेशन रहेंगे। इमरजेंसी में इन्हें उपयोग करेंगे।
इस अत्याधुनिक रोपवे का काम दो चरणों में होगा। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारधाम तक 9.7 किमी रोपवे लगेगा।

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