चिमन बाग से शुरू हुए संचलन से पहले सभा आयोजित हुई, जिसमें संघ के इतिहास और पथ संचलन के महत्व पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने संचलन को हिंदू समाज की एकता और शक्ति का प्रतीक बताया।
इंदौर में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन निकला। कुछ क्षेत्र में सुबह पथ संचलन निकले, जबकि कुछ इलाकों में शाम को संचालन का समय रखा गया है। 34 स्थान पर निकलने वाले पथ संचलन में 170 किलोमीटर की दूरी शहर में तय की। चिमन बाग पर पथ संचलन से पहले एक सभा भी आयोजित की गई। जिसमें वक्ताओं ने इंदौर के मालवा प्रांत में संघ के इतिहास और पथ संचलन के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इंदौर में संघ आजादी के पहले से सक्रिय है। यहां के स्वयंसेवक राजस्थान के कोटा शहर में संघ की जड़े मजबूत करके आए हैं। वर्ष 1940 के आसपास कराची से संघ के स्वयंसेवक शिक्षण वर्ग करने इंदौर आते है। वक्ताओं ने कहा कि संचलन हिंदू समाज की शोभायात्रा है। संचलन समाज में विश्वास पैदा करता है। यह संचलन बताता है कि हिंदू संगठित है।
वेदों का निर्माण हुआ तो धर्म का निर्माण हुआबाबा साहेब तरानेकर ने कहा कि कहा कि हमारा मार्ग सनातन है, क्योंकि जब सृष्टि के साथ वेदों का निर्माण हुआ तो धर्म का निर्माण हुआ। हमारा धर्म सबसे पुराना है। हमारा धर्म ही दूसरे धर्मों को मार्ग दिखाता है। इस कारण हमारे धर्म को सनातन माना गया है। भारतीय द्वीप हमारा सम्पूर्ण भारतवर्ष है। इसमें धरती, आकाश पहाड़ शामिल हैं। इसका उल्लेख वेदों में किया गया है। जिसकी रक्षा हमें करना है। चिकन बाग से शुरू हुआ पद संचलन अलग-अलग मार्गों से गुजरा।
स्वागत में घरों के बाहर बनाई रंगोलियांस्वयंसेवक के स्वागत के लिए कई जगह मंच लगाए गए थे। इसके अलावा परिवारों ने घर के बाहर रंगोलियां भी बनाई थीं। संगम नगर में महिलाओं ने तिलक लगाकर चंदन तिलक लगाकर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। पथ संचलन में शहर के जनप्रतिनिधि, पूर्व अफसर,व्यापारी भी शामिल हुए।दो लाख से ज्यादा स्वयंसेवक जुटाने का लक्ष्यपथ संचलन में इस बार दो लाख से ज्यादा स्वयंसेवक जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसकी तैयारियां कई दिनों से हो रही थी। यह मेहनत रविवार को नजर आई।

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