नवी मुंबई और नोएडा हवाईअड्डे इस अक्तूबर में उद्घाटन के लिए तैयार हैं। इन नए एयरपोर्ट्स में आधुनिक सुविधाएं और बेहतर अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी होगी, जिससे दिल्ली-मुंबई की स्थिति लंदन और पेरिस जैसी वैश्विक उड़ान हब के बराबर हो जाएगी।
देश के व्यस्ततम शहरों में शुमार दिल्ली और मुंंबई को इसी महीने में नए हवाईअड्डों की सौगात मिलने वाली है। विशालतम और आधुनिक सुिवधाओं से लैस नवी मुंबई एयरपोर्ट का उद्घाटन 8 अक्तूबर और नोएडा हवाईअड्डे का उद्घाटन 30 अक्तूबर को होगा। इससे यह दोनों प्रमुख शहर न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और पेरिस के बराबर खड़े हो जाएंगे।
नवी मुंबई हवाई अड्डे और दिल्ली से सटे नोएडा हवाईअड्डा यात्रियों के आने-जाने के तरीके को बदलने के लिए तैयार हैं। ज्यादा उड़ानें, बेहतर समय और विस्तारित प्रत्यक्ष अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की तैयारी इन दोनों एयरपोर्ट्स की है। यह कदम अंततः भारत के विमानन बुनियादी ढांचे को बदल देगा, जहां एक ही शहर को कई हवाईअड्डे सेवा प्रदान करते हैंl
देश का पहला शहर गोवा, जहां दो एयरपोर्टगोवा ने जनवरी, 2023 में डाबोलिम के साथ मोपा हवाईअड्डा खोलकर दिल्ली और मुंबई को पीछे छोड़ दिया है। भारत का यह पहला ऐसा शहर है, जहां दो एयरपोर्ट हैं। यात्रियों के लिए इन नए केंद्रों का मतलब है ज्यादा विकल्प और सीधे संपर्क। न केवल दिल्ली और मुंबई के बीच बल्कि एक व्यापक वैश्विक नेटवर्क तक।
प. एशिया और यूरोप के बराबर होगा परिचालन इंडिगो, एअर इंडिया और अकासा जैसी एयरलाइनों के लिए दोनों हवाई अड्डे रणनीतिक क्षमता विस्तार के प्रमुख केंद्र बनेंगे। इनका परिचालन स्तर प. एशिया और यूरोप के प्रतिद्वंद्वी केंद्रों के बराबर होगा। इससे वैश्विक संपर्क केंद्र मजबूत होगा।
मुंबई और गोवा में सबसे अधिक समस्या मुंबई और गोवा के मौजूदा हवाई अड्डे पहले से ही क्षमता की कमी का सामना कर रहे हैं। दिल्ली के लिए हालांकि इंदिरा गांधी तीन टर्मिनल और चार रनवे संचालित करता है। फिर भी यह अभी तक पूरी क्षमता का संचालन नहीं कर पाता है। एनआईए के आने से दिल्ली के भारत के सबसे बड़े हवाई केंद्र के रूप में विकास में तेजी आ सकती है।
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