यहां बंद कमरे में करीब 50 हिंदू महिलाओं को इकट्ठा कर उन्हें कथित तौर पर ईसाई बनाने की कोशिश की गई। शिकायत के अनुसार, महिलाओं को पैसे का लालच दिया गया और उन पर हिंदू प्रतीक (सिंदूर, बिंदी) उतारने का दबाव बनाया गया। हंगामे और शिकायत के बाद, पुलिस ने मौके से दो महिलाओं सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
आज से हम ईसा मसीह की प्रार्थना करेंगे
मैहर निवासी 32 वर्षीय ज्योति अहिरवार द्वारा पुलिस को दी गई लिखित शिकायत के अनुसार, यह घटना 26 अक्टूबर 2025 (रविवार) की सुबह की है। उसे सविता विश्वकर्मा नाम की एक महिला के माध्यम से लक्ष्मी शर्मा ने अपने घर हरनामपुर बुलाया था। ज्योति ने बताया कि जब वह वहां पहुंची, तो कमरे में पहले से ही लगभग 50 लड़कियां और महिलाएं मौजूद थीं। आरोप है कि लक्ष्मी और सविता ने वहां मौजूद सभी महिलाओं से उनकी चूड़ी, बिंदी, सिंदूर और अन्य हिंदू श्रृंगार सामग्री उतारने को कहा। इसके बाद, उन्हें कथित तौर पर पानी की टंकी में बाल धोने के लिए मजबूर किया गया और कहा गया कि, "आज से हम ईसा मसीह-ईसू गॉड फादर की प्रार्थना करेंगे।"
विरोध करने पर मारपीट और लालच का आरोप
शिकायतकर्ता के मुताबिक, जब उन्होंने और अन्य महिलाओं ने इस कृत्य का विरोध किया, तो आरोपियों ने उन्हें पैसे और घर बनवाने का लालच देकर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपनाने के लिए फुसलाया। जब महिलाएं इस लालच में नहीं आईं, तो आरोपियों ने उनके साथ कथित तौर पर मारपीट और जबरदस्ती करने का प्रयास किया। हंगामे और चीख-पुकार की आवाज सुनकर आसपास के मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए, जिन्होंने बीच-बचाव किया और पुलिस को सूचना दी।
VHP और बजरंग दल ने किया कड़ा विरोध
घटना की जानकारी लगते ही विश्व हिंदू परिषद के श्याम त्रिपाठी और महेश तिवारी समेत बजरंग दल के कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और इस घटना का कड़ा विरोध जताते हुए हंगामा किया। महेश तिवारी ने कहा, "यह षड्यंत्र लंबे समय से चल रहा था, जिसको आज स्थानीय लोगों ने पकड़ा और थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है, लेकिन धर्मांतरण रोकने के लिए अगर प्रदर्शन और आंदोलन भी करना पड़ेगा तो विश्व हिंदू परिषद वह भी करेगा
पुलिस ने 5 को किया गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। मैहर सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि शिकायत के आधार पर पांचों आरोपियों (दो महिलाओं सहित) को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पास से ईसाई धर्म का प्रतीक 'क्रॉस' भी बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 (धारा 3 व 5), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और एससी/एसटी एक्ट की गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह धर्म परिवर्तन का कोई संगठित प्रयास था या व्यक्तिगत स्तर पर किया जा रहा था। पुलिस आंगे मामले की जांच में जुटी हुई है।

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