Top News

पाकिस्तान ने उकसाया तो... मुनीर आर्मी को भस्मासुर का खतरा, ISI के हक्कानी की चेतावनी ?If Pakistan provokes... Bhasmasur threat to Munir Army, warning from ISI's Haqqani?

 काबुल: पाकिस्तान और तालिबान बलों के दरमियान इस महीने हुए घातक सैन्य टकराव के बाद फैले तनाव के बीच अफगानिस्तान के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। सिराजुद्दीन हक्कानी ने इस्लामाबाद पर अपने घरेलू संघर्ष को अफगानिस्तान के अंदर फैलाने का आरोप लगाया है और धमकी दी है कि इसका अंजाम बुरा होगा। कभी पाकिस्तान की कुख्यात ISI के दुलारे रहे हक्कानी की धमकी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान-अफगान सीमा पर तनाव बना हुआ है। हालांकि, इस्तांबुल वार्ता में दोनों पक्षों ने युद्धविराम जारी रखने पर सहमति जताई है लेकिन खतरा बना हुआ है। दोनों पक्ष बारूद की ढेर पर बैठे हैं, जिसमें जरा सी चिंगारी भयानक संघर्ष भड़का सकती है।

पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी

ऐसे में तालिबान में एक शक्तिशाली हैसियत रखने वाले और हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख की धमकी पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है। सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा, हमारे पास लंबी दूरी की मिसाइलें या शक्तिशाली हथियार नहीं हैं, लेकिन हमारा संकल्प और दृढ़ निश्चय मजबूत है। अगर हमारे धैर्य की फिर से परीक्षा ली गई तो जवाब विनाशकारी होगा।


हक्कानी की टिप्पणी पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता के बारे में एक छिपा हुआ संदेश भी था। उन्होंने जोर देकर कहा, हमने बार-बार पाकिस्तानी पक्ष से कहा है कि वे अपनी समस्याओं का आंतरिक समाधान करें। हर व्यक्ति को अपनी मातृभूमि के हित को प्राथमिकता देनी चाहिए। किसी दूसरे देश से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। हक्कानी ने शांति की इच्छा दोहराई लेकिन चेतावनी भी दी कि उकसावे की कार्रवाई क्षेत्रीय संतुलन को बिगाड़ सकती है।

आईएसआई ने दी थी हक्कानी को पनाह

हक्कानी की धमकी को पाकिस्तान का शक्तिशाली सुरक्षा प्रतिष्ठान हल्के में लेने की गलती नहीं करेगा। हक्कानी नेटवर्क से कभी उसके बहुत गहरे रिश्ते रहे हैंय़ 2021 में तालिबान के काबुल में आने से पहले पाकिस्तान की आईएसआई ने हक्कानी नेटवर्क को सुरक्षित पनाहगाह दी थी। ISI को उम्मीद थी कि तालिबान अफगानिस्तान में उसके प्रतिनिधि के रूप में काम करेगा। काबुल में सत्ता बदलने के बाद यह उम्मीद न सिर्फ बेमानी साबित हुई, बल्कि तालिबान नेतृत्व ने खुले रूप से इसका मजाक उड़ाया।हक्कानी की टिप्पणी काबुल में तालिबान की वापसी के बाद समूह के वरिष्ठ नेता की पाकिस्तान की सबसे कड़ी सार्वजनिक आलोचना है। विश्लेषकों का कहना है कि हक्कानी का भाषण दोनों पड़ोसियों के बीच बढ़ते राजनयिक संकट को सामने लाता है, जो पहले से अस्थिर क्षेत्र में एक और संघर्ष को जन्म दे सकता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post