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बुरी नीयत से पकड़ा नर्सिंग अफसर का हाथ, कहा- नौकरी करना है तो कंप्रोमाइज करो !Held the nursing officer's hand with bad intentions, said - If you want to do the job then compromise!


ग्वालियर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयरोग्य चिकित्सालय समूह में सीनियर डॉक्टर्स पर महिला नर्सिंग अधिकारी से शारीरीक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है. अस्पताल में काम करने वाली एक महिला नर्सिंग ऑफिसर ने अपने ही दो सीनियर डॉक्टरों पर छेड़छाड़, जातिगत अपमान और धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने थाने में दी गई शिकायत में कहा है कि आरोपी डॉक्टर्स ने धमकी दी है कि अगर उसने बात नहीं मानी तो उसके साथ भी कोलकाता बलात्कार कांड जैसी घटना दोहराई जा सकती है.

पीड़िता की शिकायत पर कंपू थाना पुलिस ने दोनों आरोपी डॉक्टरों नेफ्रोलॉजी के एचओडी डॉ. शिवम यादव और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. गिरजा शंकर गुप्ता के खिलाफ छेड़छाड़, धमकी, जातिगत अपमान और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.


पीड़िता ने बताया कि वो 28 अक्टूबर की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे किसी ऑफिशियल काम के सिलसिले में डॉ. शिवम यादव के चेंबर में गई थीं. इसी दौरान डॉ. यादव ने कथित रूप से उसका हाथ पकड़ लिया और जातिगत टिप्पणी करते हुए अपमानजनक शब्द कहे.

शिकायत में पीड़िता ने बताया कि डॉ. यादव ने कहा कि ‘अगर तुम्हें नौकरी करनी है तो कंप्रोमाइज करना पड़ेगा. नहीं तो हम तुम्हें ऐसी जगह फंसा देंगे जहां काम करना मुश्किल हो जाएगा. जहां चाहो शिकायत कर दो, तुम्हारे जैसी की कौन सुनेगा.’

डॉक्टर ने यह भी कहा कि ‘तुम डॉक्टर गिरजा शंकर को खुश रखो, वो तुम्हारे सुपरिंटेंडेंट हैं. वही करो जो वो कहें.’ इतना ही नहीं, हाथ छुड़ाने की कोशिश करने पर डॉ. शिवम यादव ने धमकी दी और कहा कि ‘कहीं ऐसा ना हो कि तुम्हारा नाम भी कोलकाता जैसी बलात्कार घटना में अखबारों में आ जाए.’

परिजनों को बताई आपबीती

घटना के बाद सदमे में आई पीड़िता ने यह पूरी बात अपने माता-पिता को बताई. इसके बाद परिजन उसे लेकर सीधे कंपू थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी सीनियर डॉक्टरों को नोटिस जारी करने की तैयारी भी चल रही है.

अस्पताल परिसर में मचा हड़कंप

घटना के सामने आने के बाद जयरोग्य अस्पताल समूह के विभागों में हड़कंप है. अस्पताल के कई कर्मचारियों और अधिकारियों में चर्चा का माहौल है. मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी भी अलर्ट हो गए हैं.

पीड़िता बोली,’मुझे इंसाफ चाहिए.’ पीड़िता का कहना है कि उसने केवल अपने सम्मान और सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया है. उसने कहा, ‘मैंने किसी के साथ गलत नहीं किया. मुझे मेरी नौकरी और इज्जत बचानी है. मुझे इंसाफ चाहिए.’

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