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उड़ानों पर रोक, तीनों सेना ऐक्टिव... पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर भारत का जोरदार 'त्रिशूल' युद्धाभ्यास, कुछ बड़ा होने वाला है?Flights banned, all three armies active... India's massive 'Trishul' exercise on the western border with Pakistan, is something big going to happen?


नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर एक बड़ा युद्धाभ्यास 'त्रिशूल' शुरू कर दिया है। यह युद्धाभ्यास 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान राजस्थान और गुजरात के बड़े हवाई क्षेत्र में विमानों के उड़ने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान ने भी अपने कुछ हवाई मार्गों पर 28-29 अक्टूबर को रोक लगाई है, जो शायद किसी अभ्यास या मिसाइल परीक्षण के लिए हो सकती है। यह दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी देखा गया था।



एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि यह युद्धाभ्यास 'नियमित' है और हर साल कम से कम एक बार ऐसे बड़े संयुक्त अभ्यास किए जाते हैं। लेकिन इस बार का 'त्रिशूल' अभ्यास बहुत बड़े पैमाने पर और जटिल है। इसमें कई तरह के आक्रामक और रक्षात्मक संयुक्त सैन्य अभ्यास किए जाएंगे। यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कच्छ के रण के पास सर क्रीक क्षेत्र में सैन्य निर्माण को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, 'अगर पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर में कुछ भी करने की हिम्मत करता है, तो जवाब इतना जोरदार होगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।'

इस 'त्रिशूल' अभ्यास में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर काम करेंगी। सेना ने 20,000 से ज्यादा सैनिक, टैंक, तोपें, मिसाइलें और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। वायुसेना 'महागुजरात' नाम से हाई-टेंपो ऑपरेशन चलाएगी। इसमें राफेल और सुखोई-30एमकेआई जैसे लड़ाकू विमान, विशेष विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन (रिमोटली-पायलटेड एयरक्राफ्ट) और हवाई ईंधन भरने वाले विमान (IL-78) तथा हवाई निगरानी विमान (एयरबोर्न अर्ली-वॉरनिंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट) शामिल होंगे। ये सभी विमान कई हवाई अड्डों से उड़ान भरेंगे। नौसेना ने भी गुजरात के तट पर कुछ फ्रिगेट और डिस्ट्रॉयर तैनात किए हैं, जो इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे।

कई संयुक्त सैन्य ऑपरेशन होंगे

यह अभ्यास कई तरह के मुश्किल इलाकों में होगा। इसमें सर क्रीक और रेगिस्तानी इलाकों में आक्रामक कार्रवाई, सौराष्ट्र तट के पास नौसैनिक अभ्यास और कई तरह के संयुक्त सैन्य ऑपरेशन शामिल हैं। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। पाकिस्तान की ओर से हवाई क्षेत्र में की गई पाबंदियां भी इसी ओर इशारा करती हैं। यह युद्धाभ्यास भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन है और यह दिखाता है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।तीनों सेनाओं के बीच तालमेल मजबूत

यह अभ्यास भारत की तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को मजबूत करेगा। इससे भविष्य में किसी भी तरह के संघर्ष से निपटने की क्षमता बढ़ेगी। 'त्रिशूल' युद्धाभ्यास में आधुनिक हथियारों और तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे भारतीय सेना की मारक क्षमता और बढ़ेगी। यह अभ्यास न केवल पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस तरह के बड़े पैमाने के अभ्यास नियमित रूप से होते रहने से सेना की तैयारी का स्तर बना रहता है।

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