बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम शुरू हो गया है. सोमवार को चुनाव आयोग ने यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का ऐलान किया था. यह पूरी प्रक्रिया सोमवार आधी रात वोटर लिस्ट फ्रीज होने से लेकर 7 फरवरी तक चलने वाली है. बिहार में कराए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद चुनाव आयोग की तरफ से कई बदलाव किए गए हैं.
बिहार में SIR के दौरान विपक्ष की तरफ से जमकर हंगामा किया गया. यही वजह है कि चुनाव आयोग ने इस पूरी प्रक्रिया में ही कई बदलाव कर दिए हैं. अब वोटर से डाक्यूमेंट एकत्र नहीं किए जाएंगे, यह निर्णय बिहार के अनुभव पर आधारित है. आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में शामिल किया गया है.
चुनाव आयोग ने क्या-क्या किए बदलाव?
चुनाव आयोग ने सभी 12 राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी एक नोटिस में कहा है कि गणना चरण के दौरान मतदाताओं से कोई भी दस्तावेज नहीं लिए जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बिहार में पाया गया है कि अधिकांश लोगों के नाम पिछली एसआईआर की मतदाता सूचियों से जुड़े हैं.
नोटिस में आगे कहा गया है कि जिन मतदाताओं के गणना प्रपत्र वापस नहीं आए हैं, उनके लिए बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) आस-पास के मतदाताओं से पूछताछ के आधार पर मृत्यु या दोहराव सहित संभावित कारणों की पहचान कर सकते हैं.
जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं हैं, उनकी बूथवार सूचियां संबंधित पंचायत भवन या नजदीकी ऑफिस में लगाई जाएंगी. इसके साथ ही नाम न शामिल होने के कारण भी बताए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के तौर पर जोड़ा गया है. यह केवल पहचान पत्र के तौर पर काम करेगा, इसे नागरिकता प्रमाण पत्र नहीं माना जाएगा.
नए नियम के मुताबिक पिछली बार कराए गई SIR की जानकारी मिलेगी. इससे पता चलेगा कि आखिरी बार उसका या फिर उसके परिवार का नाम मतदाता सूची में मौजूद था या नहीं.
बिहार के अलग सभी राज्यों की मतदाता सूचियां मतदाताओं और उनके माता-पिता या अभिभावकों के नामों की मैपिंग के लिए उपलब्ध होंगी.
मतदाताओं की टेंशन खत्म
बिहार में कराए गई SIR के दौरान मतदाताओं को कई तरह के दस्तावेज कराने का आदेश दिया गया था. इसके साथ ही आधार को भी नहीं माना गया था. हालांकि अब मतदाताओं को इससे राहत मिलने वाली है. क्योंकि अब उन्हें किसी भी तरह का कोई कागज जमा नहीं करना पड़ेगा.
किन राज्यों में SIR होगा?
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में होगा. इन 12 राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं.

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