Top News

आलोक खरे दंपत्ति के विरुद्ध कोर्ट में चालान पेश Challan presented in court against Alok Khare couple

 न्यायालय जेल भेजता हैं या बेल देता है ?

भोपाल। तमाम सेटिंगो के बाद भी आलोक कुमार खरे प्रभारी उपायुक्त आबकारी रीवा और इनकी पत्नी मीनाक्षी खरे के विरुद्ध भोपाल की विशेष न्यायालय में लोकायुक्त पुलिस ने दिनांक 11/10/2025 को चालान पेश कर दिया है। 



इंदौर सहायक आबकारी आयुक्त पदस्थ रहते छापा डाला था

आलोक खरे वर्ष 2019 में जब इंदौर सहायक आबकारी आयुक्त पदस्थ थे तब लोकायुक्त पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में अपराध क्रमांक 238/19 दर्ज करके छापा डाला था।

दो बार जांच हुई

आलोक खरे के विरुद्ध दर्ज प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस ने दो बार जांच की, संजय राणा के डीजी लोकायुक्त रहते प्रकरण में खात्मा पेश करने की स्थिति बन गई थी किंतु शिकायतों के चलते लोकायुक्त महोदय ने पुनः जांच के आदेश दिए और लोकायुक्त पुलिस ने पुनः जांच की तो आलोक खरे दंपत्ति के विरुद्ध 88.20 प्रतिशत आय से अधिक संपत्ति निकली। अब जब लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल न्यायालय में चालान पेश कर दिया है। इससे पूर्व में खात्मा की अनुशंसा करने वाले लोकायुक्त अफसर पर जो सवाल उठ रहे थे उन सवालों को बल मिल गया है।

अप्रैल में अनुमति अक्टूबर में चालान

शासन पर आरोप लगाते रहे है कि वो भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध चालान पेश करने की अनुमति नहीं देता है, विलंब करता है किंतु इस मामले में शासन ने अप्रैल 2025 में लोकायुक्त पुलिस को अभियोजन स्वीकृति दे दी थी, लोकायुक्त पुलिस चालान पेश नहीं कर रही थी, इसको लेकर भी लोकायुक्त पुलिस पर आरोप लगाते हुए आवेदन प्रस्तुत किए गए । खैर दिनांक 11/10/2025 को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी खरे दंपत्ति को चालान पेश करने की सूचना देकर डिस्ट्रिक एडिशनल सेशन जज राम प्रताप मिश्रा की न्यायालय में चालान पेश कर दिया है, हालांकि न्यायालय के रिकॉर्ड के अनुसार अब भी न्यायालय में केस को मिसलेनियस मेटर के रूप में दर्ज किया है, वही अपडेट नहीं होने की बात भी सामने आ रही है। 

हम विवरण प्रकाशित कर चुके है —

हमने पहले उजागर किया था कि आलोक खरे के विरुद्ध दुबारा हुई लोकायुक्त जांच में 88.20 प्रतिशत आय से अधिक संपत्ति पाई गई है।

समयावधि में चालान पेश नहीं करने की साजिश का आरोप भी लगा —

माननीय लोकायुक्त महोदय को हुई एक शिकायत के अनुसार लोकायुक्त एसपी के द्वारा समयावधि में चालान पेश नहीं करके आरोपियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था।

सरकार ने भ्रष्ट को उच्च पद पर पदस्थ कर दिया —

आरोपी आलोक खरे को सरकार ने रीवा का प्रभारी उपायुक्त पद पर पदस्थ करके सम्मानित कर रखा है जबकि सहायक आबकारी आयुक्त पदस्थ रहते खरे के विरुद्ध लोकायुक्त पुलिस ने अपराध दर्ज किया था, शासन की स्थानांतरण नीति और जीएडी के आदेशानुसार खरे की फील्ड में पोस्टिंग ही नहीं हो सकती थी।

एसपी के अनुसार —

भोपाल लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर के अनुसार भोपाल न्यायालय में चालान पेश करने का नोटिस देने के बाद भी आलोक खरे दंपत्ति न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए है, एसपी के अनुसार दिनांक 11/10/2025 को न्यायालय में चालान पेश किया गया था जो न्यायालय ने दिनांक 13/10/2025 को दर्ज कर लिया है। 

अब न्यायालय वारंट जारी करेगा —

अब खरे दंपत्ति को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए, न्यायालय वारंट जारी करेगा। देखना होगा कि न्यायालय खरे दंपत्ति को जेल भेजता है या बेल देता है.....

Post a Comment

Previous Post Next Post