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अब बिजली भी पैदा करेंगे एमपी के किसान, इसी महीने से मिलेगी सोलर पंप पर 90% सब्सिडी Now, MP farmers will also generate electricity, 90% subsidy on solar pumps will be available from this month.


धनतेरस पर मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए कई घोषणाएं की हैं. अब सोलर पंप 10% कीमत पर मिलेंगे, बाकी 90% सरकार देगी. 3 हॉर्स पावर कनेक्शन वाले किसान भी लाभ ले सकेंगे.



धनतेरस पर मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर है. उन्हें अब सोलर पंप के लिए 40 फीसदी नहीं, बल्कि केवल 10 फीसदी दाम ही देने होंगे. बाकी 90 फीसदी राशि मध्य प्रदेश सरकार वहन करेगी. इतना ही नहीं 3 हॉर्स पावर कनेक्शन वाला किसान भी इस योजना का लाभ ले सकेगा. इसके अलावा भविष्य में कम दाम की वजह से किसानों को फसलें सड़कों पर नहीं फेंकनी होंगी, सरकार उनकी फसलें खरीद लेगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 18 अक्टूबर को सीएम हाउस में इन घोषणाओं के साथ ही अन्नदाता को बड़ी राहत दी.

उन्होंने कहा कि सारे पुण्य एक तरफ और अन्नदाता की सेवा एक तरफ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं. मौका था मुख्यमंत्री निवास में आयोजित किसान सम्मेलन का. इस दौरान सीएम डॉ. मोहन कांग्रेस पर भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने जनकल्याण में बाधा डालकर पाप किया है.

गौरतलब है कि, धनतेरस के मौके पर मुख्यमंत्री निवास पर किसान सम्मेलन आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जिलों से हजारों किसान पहुंचे. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पहले आपदा के समय किसानों को सर्वे पूरा होने के बाद राहत राशि मिलती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने ये पद्धति बदली. हमारे प्रदेश में सोयाबीन तो अभी कटकर आई है, जबकि उसके नुकसान का पैसा किसानों के अकाउंट में पहुंच चुका है. जैसे-जैसे किसानों की जानकारी आती जा रही है, वैसे-वैसे उनके खातों में राहत राशि पहुंचती जा रही है. यह किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप प्रदेश सरकार किसानों का सम्मान कर रही है. हमारी सरकार ने संकल्प पत्र के अनुसार किसानों को गेहूं का 2600 रुपये भाव दिया. इसे अभी और बढ़ाएंगे. मध्य प्रदेश पूरे देश में गेहूं का भाव सबसे ज्यादा देता है. किसान की बात किसान परिवार का बेटा ही समझ सकता है. किसान के घर के बच्चे सभी काम कर सकते हैं.

जान की बाजी लगाते हैं किसान

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि कांग्रेसी कान खोलकर सुन लें. कांग्रेस ने देश-प्रदेश में कभी किसी किसान के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया. 1956 में मध्य प्रदेश की स्थापना हुई, लेकिन एक भी किसान का बेटा मुख्यमंत्री नहीं बना. कांग्रेस ने यह पाप किया. ये बीजेपी ही है, जिसने किसान के बेटे को प्रदेश का मुखिया बना दिया. हमारे किसान धूप में मेहनत की पराकाष्ठा करते हैं. वे ओला-पाला-सूखा-बाढ़ सहन करके, अपनी जान की बाजी लगाकर अन्न उपजाते हैं और लोगों का पेट भरते हैं. उन्होंने कहा कि जीवन के सारे पुण्य एक तरफ और किसानों की सेवा एक तरफ. कांग्रेस इस बात पर माफी मांगे कि उसने नर्मदा के पानी का पूरा इस्तेमाल ही नहीं करने दिया. प्रदेश नदियों का मायका है. यहां से 250 से ज्यादा नदियां निकलती हैं. मां नर्मदा से निमाड़-मालवा-मध्य भारत का क्षेत्र पीने के लिए, खेत के लिए-उद्योग के लिए पानी मिलता है. लेकिन, 1956 से 2003 तक कांग्रेस ने नर्मदा के पानी का उपयोग ही नहीं करने दिया.

सीएम ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथ

सीएम डॉ. मोहन ने कहा कि नर्मदा घाटी परियोजना 1977 में बन गई थी, लेकिन कांग्रस की सरकारों ने काम नहीं किया. कांग्रेसी मजाक उड़ाते थे. कहते थे कि कहां नर्मदा नीचे की तरफ, कहां ऊपर पानी पहुंचा देंगे, संभव ही नहीं है. जबकि, आज हमारे सामने इतिहास बना है. 1956 में मध्य प्रदेश बना और 2002-03 तक केवल साढ़े सात लाख हेक्टेयर में ही सिंचाई होती थी. गेहूं का दाम 1956 में 100 रुपये क्विंटल था और इन कांग्रेसियों की वजह से 2002-03 तक इसका भाव 500 रुपये क्विंटल ही हो सका.

इतने सालों में केवल 400 रुपये ही बढ़ाए गए. कांग्रेस ने यह पाप किया. हमें इस बात की खुशी है कि साल 2005 में जो गेहूं का भाव 500 रुपये था, वह आज 2600 रुपये क्विंटल हो गया है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा के काम करने का तरीका है. 20 साल में 2000 रुपये बढ़े और 55 साल में 400 रुपये बढ़े. अगर यही रुपये हमारे पूर्वजों को मिल जाते, तो उनका जीवन कितना बदल जाता. कांग्रेस की सरकारों के वक्त किसानों को डीजल के लिए लाइन में लगना पड़ता था, बिजली भी नहीं मिलती थी. कांग्रेस शासनकाल में हालात बेहद खराब थे. जबकि, आज प्रदेश में बिजली सरप्लस है. हमारी शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाक

किसान कल्याण के संकल्पित प्रदेश सरकार

सीएम डॉ. मोहन ने कहा कि किसानों को 6 हजार रुपये किसान सम्मान निधि मिलती है, 6 हजार रुपये प्रधानमंत्री की तरफ से आता है. 5 हॉर्स पावर के कनेक्शन पर किसान को साढ़े सात हजार बिल आता है. इस पर सरकार 51 हजार रुपये की सब्सिडी भरती है. अब हम सोलर पंप की योजना लेकर आए हैं. अभी तक सोलर पंप खरीदने पर उसकी कीमत का 40 फीसदी किसान और 60 फीसदी दाम सरकार देती थी. मैं इस बात की मंच से ही घोषणा करता हूं कि अब किसानों को सोलर पंप खरीदने के लिए महज 10 फीसदी कीमत देनी होगी, बाकी 90 फीसदी कीमत सरकार देगी. जिन किसानों के कनेक्शन 3 हॉर्स पावर के हैं उन्हें भी 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप दस फीसदी कीमत पर ही मिल जाएगा. किसान अपने घर में बिजली जलाएगा. ये हमारी किसानों के प्रति वचनबद्धता है.

100 लाख करेंगे सिंचाई का रकबा

प्रदेश के मुखिया ने कहा कि नदी जोड़ो योजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध करा रहे हैं. किसानों की फसल को पानी मिल जाए, फसल सोने की हो जाती है. राज्य सरकार ने सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य रखा है. संतरा-मसाला-लहसुन-धनिया-दलहम-तिलहन में मध्य प्रदेश नंबर-1 पर है. मटर-प्याज-मिर्च, अमरूद उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. औषधी-सुगंधित पौधों में तीसरे नंबर पर है. हमारे प्रदेश में कुछ फसलें ज्यादा हो जाती हैं, तो किसानों को उन्हें फेंकना पड़ता है. लेकिन, किसानों को अब फसल फेंकनी नहीं पड़ेगी.

उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार की जगहों पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर उनकी फसल खरीद लेगी. किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा. हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मध्य प्रदेश का नक्शा लेकर बैठें और कहां-कौन सी फसल होती है उस पर रिसर्च करें. हमारे पैर भी अन्न का दाना लगता है तो हम अपमान समझते हैं. उसमें देवताओं का वास होता है. इस स्थिति में जब फसल फेंकनी पड़े तो यह बहुत गंभीर बात है. इसलिए हम अन्न का अपमान नहीं होने देंगे.

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