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आबकारी विभाग को 700 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद, रिकॉर्ड 5060 करोड़ का लक्ष्य तय Excise department expects additional revenue of Rs 700 crore, sets record target of Rs 5060 crore


उत्तराखंड के आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व संग्रह को लेकर उत्साहजनक संकेत दिए हैं। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह की रफ्तार मजबूत है और विभाग को साल के अंत तक 5060 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है। यह राशि पिछले वर्ष के 4439 करोड़ रुपये के लक्ष्य से करीब 700 करोड़ रुपये अधिक है।



शराब की बिक्री 5.25 फीसदी बढ़ी

आयुक्त ने बताया कि नई आबकारी नीति के कारण लोगों ने वैध दुकानों से शराब खरीदने में रुचि दिखाई है। बाहरी राज्यों से अवैध शराब की आपूर्ति रोकने के लिए लगातार विशेष अभियान चलाए गए हैं, जिनसे सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। इस प्रयास से न केवल अवैध कारोबार पर रोक लगी है बल्कि सरकारी खजाने को भी बड़ा लाभ हुआ है।

विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 20 अक्तूबर 2024-25 की तुलना में 20 अक्तूबर 2025-26 तक राज्य में 3.2 लाख केस ज्यादा शराब की बिक्री हुई है। यह 5.25 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। इसी वृद्धि के आधार पर विभाग को 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी का अनुमान है। अधिकारी मानते हैं कि यह रफ्तार बरकरार रही तो वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा।

वैट घटाने से राजस्व में आई मामूली कमी

हालांकि, आबकारी आयुक्त ने माना कि वैट घटाने के फैसले से राजस्व में शुरुआती तौर पर मामूली कमी आई है। लेकिन उन्होंने कहा कि यह कदम जरूरी था ताकि शराब की कीमतें नियंत्रण में रहें और अवैध शराब की तस्करी पर रोक लग सके। उत्तर प्रदेश में शराब पर वैट नहीं लगता, जबकि उत्तराखंड में देसी और विदेशी दोनों तरह की शराब की कीमतें पहले से ही अधिक हैं।

अनुराधा पाल ने कहा कि सरकार की नीति का मकसद वैध व्यापार को प्रोत्साहित करना और उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ को कम करना है। वैट में की गई कमी से जहां उपभोक्ताओं को राहत मिली है, वहीं वैध बिक्री बढ़ने से सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी का लाभ मिला है। विभाग अब अवैध शराब पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए और कड़े अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है।

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