अंडे को लेकर कई बातों सुनने को मिलती हैं जैसे कि यह वेजिटेरियन में आता है. इसे रोजाना खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है,ब्राउन अंडा सेहत के लिए फायदेमंद होता है… ऐसे ही दूसरे मिथक भी हैं, जिन पर सभी आसानी से भरोसा कर लेते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है
मिथक और फैक्ट्स
मिथक: क्या अंडा वेजिटेरियन है?
दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में चीफ डाइटीशियन प्रिया पालीवाल ने बताया कि अंडा वेजिटेरियन है या नहीं, यह व्यक्तिगत सोच पर निर्भर करता है. मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर अंडे अनफर्टिलाइज्ड वाले होते हैं यानी कि इनमें चूजा नहीं निकल सकता है. इसलिए कुछ लोग इसकी गिनती वेजिटेरियन सोर्स में करते हैं. लेकिन यह पशु से मिलने वाला प्रोडक्ट्स है, इसलिए शाकाहारी लोग इसका सेवन नहीं करते हैं. इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी12 और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
मिथक: रोजाना अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?
अंडे की जर्दी यानी के पीने भाग में कोलेस्ट्रॉल होता है, लेकिन रिसर्च बताती है कि इसका असर ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल पर बहुत कम पड़ता है. बल्कि यह अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद करता है. इसलिए स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोजाना एक या दो अंडे खाना सही और फायदेमंद होता है. सिर्फ उन्हीं लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है जिन्हें पहले से हाई कोलेस्ट्रॉल या हार्ट से जुड़ी समस्या है.
मिथक: एग व्हाइट ही ज्यादा फायदेमंद है?
अंडे का सफेद भाग प्रोटीन का अच्छा सोर्स होता है, लेकिन येलो हिस्सा भी पौष्टिक होता है. इसमें विटामिन ए, डी, ई , के, बी12, जिंक, आयरन और अच्छे फैट्स पाए जाते हैं. लेकिन अगर किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल या फैट कंट्रोल करना है, तो वह सफेद भाग खा सकते हैं, लेकिन हेल्दी और अगर किसी तरह की समस्या नहीं है, तो पूरा अंडा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
मिथक: अंडा खाने से वजन बढ़ता है?
यह एक गलतफहमी है. अंडे में हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन पाया जाता है, जो लंबे समय तक पेट को भरा रखता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है. इससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. लेकिन अगर अंडे को ज्यादा तेल, मक्खन या मसालों के साथ मिलाकर खाया जाए तो इससे उसकी कैलोरी बढ़ जाती है. उबले या पोच्ड अंडे वजन घटाने के लिए बेहतरीन ऑप्शन है. बैलेंस तरीके से डाइट में अंडा शामिल करने से यह फायदेमंद होता है.
मिथक: भूरा अंडा सफेद अंडे से ज्यादा फायदेमंद होता है?
यह बात कई लोगों ने काफी सुनी होगी, लेकिन ये गलत है. इन दोनों के पोषण में कुछ खास अंतर नहीं है. दोनों ही प्रोटीन, विटामिन और मिनरल का सोर्स हैं. फर्क सिर्फ रंग और कीमत का है. ब्राउन अंडा अक्सर महंगा होता है क्योंकि उसे देने वाली मुर्गियां ज्यादा खाना खाती हैं.
मिथक: कच्चे अंडे पके हुए अंडों से ज्यादा हेल्दी होते हैं?
कच्चे अंडे खाने से शरीर को ज्यादा फायदा नहीं मिलता, बल्कि इसे संक्रमण का खतरा हो सकता है. कच्चे अंडे में मौजूद एविडिन नामक प्रोटीन विटामिन बी7 के अबॉर्शन में रुकावट डालता है. पकाने से यह इनएक्टिव हो जाता है और पोषक तत्व बेहतर तरीके से शरीर में जाते हैं. इसलिए उबले या पके हुए अंडे ज्यादा फायदेमंद होते हैं.
मिथक: रोजाना अंडा खाने से लिवर या किडनी पर असर पड़ता है?
हेल्दी व्यक्ति के लिए रोज अंडा खाना लिवर और किडनी दोनों के लिए सही होता है. अंडे में मौजूद प्रोटीन शरीर आसानी से पचा सकता है. हां, जिन लोगों को पहले से ही लिवर सिरोसिस या किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या हो, तो उन्हें डॉक्टर से सलाह करने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए. सामान्य लोगों के लिए रोजाना एक या दो अंडे खाना पूरी तरह से सेफ होता है और यह शरीर के टिशूज की मरम्मत और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है.
एक दिन में कितने अंडे खाने चाहिए?
सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक दिन में 1 से 2 अंडे खाना सुरक्षित और फायदेमंद होता है. वहीं स्पोर्ट पर्सन, बच्चों या प्रोटीन की ज्यादा जरूरत वाले लोगों के लिए एक दिन में 3 से 4 अंडे खा सकते हैं. इसके अलावा व्यक्ति की सेहत और जरूरत पर भी यह निर्भर करता है. ज्यादा मात्रा में इसे खाने से सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है. इसके अलावा अगर डाइट में पहले से ही ज्यादा फैट या कोलेस्ट्रॉल वाली चीजें हैं, तब भी इसे कम खाना चाहिए.

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