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शरद पूर्णिमा की शाम इन 5 वस्तुओं का करें दान, खुल जाएंगे धन-समृद्धि के रास्ते Donate these 5 items on the evening of Sharad Purnima, the path to wealth and prosperity will open.


विभास क्षीरसागर

शरद पूर्णिमा 2025 (Sharad Purnima 2025) इस साल 6 अक्टूबर 2025, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह तिथि आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी सबसे तेज़ होती है, और यही कारण है कि इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है जिसका अर्थ है “कौन जाग रहा है?” कहा जाता है कि मां लक्ष्मी इस रात पृथ्वी पर घूमती हैं और जो व्यक्ति जागकर उनका ध्यान करता है, उसे असीम समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस रात चंद्रमा से अमृत बरसता है। इसी वजह से लोग खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं, ताकि चंद्रमा की किरणें उस पर पड़ें और वह अमृत के समान हो जाए। अगले दिन सुबह उस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

शरद पूर्णिमा पर दान का महत्व

शरद पूर्णिमा के दिन दान करने की परंपरा बहुत प्राचीन है। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है। यह सिर्फ आर्थिक संपन्नता नहीं लाता बल्कि कर्म और भाग्य को भी उज्ज्वल बनाता है। धार्मिक मान्यता है कि दान से अहंकार समाप्त होता है, और मां लक्ष्मी की कृपा स्थायी होती है। इसलिए इस दिन कुछ खास वस्तुओं का दान करने से धन, सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है।

1. शरद पूर्णिमा पर खीर का दान

शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाना और दान करना सबसे पवित्र कर्म माना गया है। इस खीर को गाय के दूध, चावल और मिश्री से तैयार किया जाता है। रात को इसे चांदनी में रखकर सुबह गरीबों, ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान किया जाता है। यह कर्म आरोग्य और संपन्नता दोनों प्रदान करता है। धार्मिक कथाओं में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस रात खीर का दान करता है, उसके घर दरिद्रता कभी नहीं ठहरती।

2. सफेद वस्त्रों का दान

शरद पूर्णिमा की रात सफेद चंद्रमा और सफेद प्रकाश का प्रतीक है। इसलिए इस दिन सफेद रंग के वस्त्र दान करने का विशेष महत्व है। यह कर्म मन की शांति, सौभाग्य और आत्मिक संतुलन प्रदान करता है। अगर आप किसी ब्राह्मण, महिला या जरूरतमंद को सफेद साड़ी, कुर्ता या वस्त्र दान करते हैं, तो मां लक्ष्मी आपके जीवन में स्थायी निवास करती हैं।

3. घी का दीपक और तिल का तेल

शरद पूर्णिमा की रात जब चंद्रमा अपनी पूर्ण रोशनी में होता है, तो घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी पूजा करने का विशेष फल मिलता है। घर के उत्तर-पूर्व कोने में दीपक जलाकर लक्ष्मी मंत्र का जाप करें , “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।” इसके अलावा तिल के तेल का दीपक भी जलाएं, जो नकारात्मक ऊर्जाओं और ग्रह दोषों को दूर करता है। पूजा के बाद दीपक का दान करें या मंदिर में जलाएं।

4. चांदी या सिक्कों का दान

शास्त्रों के अनुसार, चांदी चंद्रमा का धातु स्वरूप है। इसलिए शरद पूर्णिमा पर चांदी का दान करने से चंद्रमा के दोष समाप्त होते हैं और धन की स्थिरता मिलती है। आप चाहें तो चांदी के सिक्के, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या चांदी की थाली का दान कर सकते हैं। इससे न केवल धन लाभ होता है बल्कि व्यापार और नौकरी में भी उन्नति होती है।

5. अन्न और दूध का दान

शरद पूर्णिमा की रात अन्न और दूध का दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। यह दान न केवल गरीबों के पेट भरता है, बल्कि आपके कर्मों को भी शुद्ध करता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस रात किसी भूखे को भोजन करवाता है, वह आने वाले बारह महीनों तक किसी आर्थिक संकट से नहीं गुजरता।

शरद पूर्णिमा की पूजा विधि

घर को साफ करें और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को सफेद आसन पर स्थापित करें।

घी के दीपक जलाएं और चंदन, अक्षत, पुष्प अर्पित करें।

चंद्रमा उदय होने के बाद खीर को खुले आसमान में रखें और लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।

रातभर जागरण करें या भक्ति गीत सुनें।

अगले दिन सुबह खीर का प्रसाद बांटें और दान करें।

शरद पूर्णिमा और स्वास्थ्य लाभ

आयुर्वेद के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में अमृत तत्व होता है। इसलिए लोग इस रात चांदनी में रखी खीर का सेवन करते हैं। यह तनाव, अनिद्रा, पित्त दोष और हृदय रोगों से राहत देने वाला माना गया है। वास्तव में, चंद्रमा की ठंडी किरणें शरीर में संतुलन और शांति लाती हैं, जिससे व्यक्ति का मन और मस्तिष्क दोनों शांत होते हैं।

मां लक्ष्मी की कृपा पाने के अन्य उपाय

रात 12 बजे के बाद कुबेर मंत्र का जाप करें।

घर के मुख्य द्वार पर सफेद फूलों की माला लगाएं।

गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं, इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

किसी कन्या को खीर खिलाकर दक्षिणा दें, यह शुभ माना जाता है।

शरद पूर्णिमा 2025 पर ज्योतिषीय दृष्टि से क्या कहता है साल

इस बार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा और तुला राशि में सूर्य। यह संयोग धन वृद्धि, प्रेम और स्थिरता का संकेत देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष का योग राजयोग के समान फल देने वाला होगा। इसलिए इस दिन का हर कर्म, हर दान, और हर पूजा लक्ष्मी कृपा को कई गुना बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

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