तेलंगाना में फेक क्रिप्टो करेंसी के नाम पर लगभग 30 करोड़ रुपये ठगी का खुलासा हुआ है. करीमनगर पुलिस ने फर्जी क्रिप्टो करेंसी ऐप के कथित मास्टरमाइंड वरला लोकेश्वर राव को गिरफ्तार कर लिया. इस घोटाले में कथित तौर पर करीमनगर और आसपास के इलाकों के लगभग 450 लोगों को ठगा गया. पुलिस के अनुसार नकली क्रिप्टो ऐप के नेटवर्क और अन्य जालसाजी का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच चल रही है.
निवेशकों को लालच दिया गया कि 90 हजार रुपये निवेश करने पर उन्हें ऐप पर 1,000 क्रिप्टो कॉइन मिलेंगे.
पुलिस आयुक्त गौश आलम के अनुसार, हैदराबाद के मलकाजगिरी स्थित पीवीएन कॉलोनी निवासी लोकेश्वर राव 4 अप्रैल, 2024 को करीमनगर आया. स्थानीय निवासी तुलसी प्रकाश से दोस्ती बढ़ाया. इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी ऐप के जरिए ऑनलाइन अच्छी-खासी कमाई का दावा करते हुए, उसने प्रकाश और उसके दोस्तों बूरा श्रीधर, दसारी राजू, दसारी रमेश और कतला सतीश का भरोसा जीत लिया.
दोनों ने मिलकर 'मेटा फंड' नाम का एक नकली ऐप बनाने की योजना बनाई. निवेशकों को लालच दिया गया कि 90 हजार रुपये निवेश करने पर उन्हें ऐप पर 1,000 क्रिप्टो कॉइन मिलेंगे. एक महीने के अंदर उनकी रकम तीन गुनी हो जाएगी. इस इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एजेंटों को नियुक्त किया गया. ऐप पर नकली कॉइन बैलेंस दिखाकर मुनाफा दिखाया गया.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गिरोह ने करीमनगर और आसपास के इलाकों में लगभग 450 लोगों से 30 करोड़ रुपये की ठगी की. उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़े के ज्यादातर आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. मास्टर माइंड लोकेश्वर राव को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के दौरान, पुलिस ने उसके पास से 30 तोला सोना, संपत्ति के दस्तावेज, टैबलेट, मोबाइल फ़ोन और एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की.
पुलिस टीम अब गिरोह के संचालन के बारे में और सुराग पाने के लिए ज़ब्त की गई संपत्ति और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच कर रही हैं. अधिकारियों ने जनता से क्रिप्टोकरेंसी ऐप्स में निवेश करने से पहले सावधानी बरतने और उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि करने का आग्रह किया है. क्योंकि इस तरह के घोटाले बेखबर लोगों को निशाना बनाते रहते हैं.

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