रामवीर गुर्जर
शिवपुरी। सुरवाया थाना पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी लगभग तीन साल (35 माह) से फरार 5 हजार रुपए के इनामी आरोपी मुख्य पुजारी के सेवक बृजेश बोहरे को पुलिस ने ग्वालियर के गोला का मंदिर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी पर मंदिर के महंत के 7.40 लाख रुपए नकद, दो सोने की अंगूठी और एक चांदी का गिलास लेकर भागने का आरोप था।
क्या है पूरा मामला?
सुरवाया गढ़ी के सामने स्थित जगन्नाथ मंदिर के पुजारी महंत जय विजय भारती ने 4 जनवरी 2023 को सुरवाया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि वह 20 नवंबर 2023 को अपने गुरु से मिलने मुंबई गए थे। जाते समय उन्होंने अपने सेवक बृजेश बोहरे को सुरक्षा की दृष्टि से 7.40 लाख रुपए,दो सोने की अंगूठी और एक चांदी का गिलास रखने के लिए दिया था। जब वे 25 दिसंबर 2023 को वापस लौटे, तो बृजेश बोहरे गायब मिला। इस मामले में पुलिस ने अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया था। काफी तलाश के बाद भी जब आरोपी का पता नहीं चला, तो पुलिस अधीक्षक द्वारा उस पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
थाना प्रभारी अरविंद छारी की रणनीति लाई रंग
सुरवाया थाना प्रभारी अरविंद छारी के निर्देश पर, आरोपी बृजेश बोहरे को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने लगातार निगरानी और रणनीति के तहत कार्रवाई करते हुए 25 अक्टूबर 2025 को ग्वालियर से आरोपी को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान बृजेश बोहरे (उम्र 48 साल, पुत्र धनीराम बोहरे, निवासी ग्राम रिझौरा थाना चीनोर, जिला ग्वालियर) के रूप में हुई है।
इस ऑपरेशन में थाना प्रभारी अरविंद छारी के मार्गदर्शन में प्रआर हर्ष झा, प्रआर कमल किशोर कबीर, आरक्षक देशराज राठौर जैसे पुलिसकर्मी शामिल थे।
थाना प्रभारी अरविंद छारी: संघर्ष से सफलता तक की दास्तान
जगन्नाथ मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले सुरवाया थाना प्रभारी उप निरीक्षक अरविंद छारी का व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन प्रेरणादायक रहा है।

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