मध्य प्रदेश के सिवनी में पुलिसकर्मियों पर 3 करोड़ रुपये की हवाला राशि जब्त कर आपस में बांटने का गंभीर आरोप लगा है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जबलपुर आईजी ने जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें एसडीपीओ पूजा पांडे की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।
मध्य प्रदेश के सिवनी में पुलिस लुटेरी बन गई. ये मामला सिवनी के बंडोल थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां 8 अक्टूबर को जालना का रहने वाला एक शख्स सोहनलाल परमार अपने कुछ साथियों के साथ महाराष्ट्र की गाड़ी में सवार होकर हवाला के 3 करोड़ रुपये कटनी से नागपुर ले जा रहा था.
इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली और पुलिस ने हवाला का पैसा ले जा रहे आरोपियों का पीछा किया. आधी रात को पुलिस ने कार का पीछा करते हुए जंगल में करीब 1 से 2 बजे के बीच आरोपियों को पकड़ लिया और हवाला के 3 करोड़ रुपये कब्जे में ले लिए. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को मौके से धमकाकर भगा दिया और आरोप है कि बरामद की गई रकम को आपस में ही बांट लिया.
1.5 करोड़ रुपये लौटा दिए गए
इसके बाद 9 अक्टूबर यानी गुरुवार की सुबह 3 तीन व्यापारी थाने पहुंचे और उन्होंने हवाला के पैसों को लेकर शिकायत की, जिसके बाद उन्हें घंटों तक SDPO ऑफिस में रोका गया और मामले को लेकर साफतौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई. हालांकि, जब मामले की जानकारी आला अधिकारियों को लगी तो व्यापारियों को 1.5 करोड़ रुपये लौटा दिए गए. इस मामले में एक्शन लेते हुए जबलपुर IG प्रमोद वर्मा ने बंडोल थाना प्रभारी के साथ-साथ 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. इसके साथ ही IG प्रमोद वर्मा ने SSP आयुष गुप्ता को इस मामले की जांच सौंपते हुए 3 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी.
SDPO पर भी उठ रहे सवाल
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जांच में सिवनी की एसडीओपी पूजा पांडे की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. आरोप है कि SDPO पूजा पांडे को पूरे मामले की जानकारी थी. इसलिए उनके स्टाफ को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है और उनके रीडर, दो गनमैन और ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया गया है. यही नहीं पूजा पांडे के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

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