ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Minerals) पर लगाए गए नए निर्यात प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया है। इनका का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन और रक्षा उपकरणों में किया जाता है।
डोनाल्ड ट्रंप के लगाए 100% टैरिफ पर भड़का चीन, कहा- यह US का यह दोहरा मापदंड
ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Minerals) पर लगाए गए नए निर्यात प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया है। इनका का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन और रक्षा उपकरणों में किया जाता है।
अमेरिका द्वारा चीन पर अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद बीजिंग ने रविवार को वॉशिंगटन पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बिना नाम बताए कहा, “अमेरिकी बयान तथाकथित दोहरे मानदंडों का एक उदाहरण है।” यह प्रतिक्रिया तब आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीन से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। यह कदम दोनों देशों के बीच पहले से जारी व्यापार तनाव को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Minerals) पर लगाए गए नए निर्यात प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया है। इनका का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन और रक्षा उपकरणों में किया जाता है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, "इन कार्रवाइयों ने चीन के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है और दोनों पक्षों के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक वार्ता के माहौल को गंभीर रूप से कमजोर किया है। हर मोड़ पर उच्च शुल्क लगाने की धमकी देना चीन के साथ बातचीत का सही तरीका नहीं है।"
चीन की ओर से आई इस प्रतिक्रिया में कहा गया कि अमेरिका एक ओर वैश्विक व्यापार में मुक्तता की बात करता है, जबकि दूसरी ओर खुद संरक्षणवादी नीतियों को लागू करता है। उन्होंने कहा, “अमेरिका अपने हितों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय नियमों की व्याख्या करता है और जब अन्य देश वही सिद्धांत अपनाते हैं तो उन्हें दोषी ठहराता है।”
अमेरिका और चीन के बीच यह नई तनातनी उस समय बढ़ी है जब दोनों देशों के शीर्ष नेता डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग आगामी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन में मिलने वाले थे। विश्लेषकों का कहना है कि चीन की यह प्रतिक्रिया संकेत देती है कि बीजिंग भी संभावित प्रतिशोधात्मक कदम पर विचार कर सकता है, जिससे वैश्विक सप्लाई चेन और बाजारों पर असर पड़ सकता है।

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