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700 crore real estate project scam of MPM Homes in Indore?

इंदौर में MPM होम्स का 700 करोड़ का रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का घोटाला ?

700 crore real estate project scam of MPM Homes in Indore

इंदौर में नवरात्रि पर रियल एस्टेट क्षेत्र में उम्मीद है कि ग्रोथ होगी। इस दौरान कई लग्जरी प्रोजेक्ट्स पर भी काम हो रहा है। इसी बीच इंदौर के हाल के समय में सबसे महंगे प्रोजेक्ट्स में से एक हैदराबाद की रियल एस्टेट कंपनी एमपीएम होम्स का पहला ही प्रोजेक्ट विवादों में आ गया है। यह प्रोजेक्ट छोटा-मोटा नहीं है, बल्कि पूरे 700 करोड़ का है। इसमें लग्जरी फ्लैट्स बनना हैं।

यह बना रहे हैं प्रोजेक्ट

इंदौर रियल एस्टेट का यह प्रोजेक्ट मूल रूप से हैदराबाद की कंपनी मेसर्स एमपीएम होम्स डेवलपर्स का है। इसमें प्रमुख गिरीश मालपानी हैं। वह अपने साले इंदौर के बैग्स कारोबारी प्रतीक माहेश्वरी और उनके परिवार के साथ यह प्रोजेक्ट कर रहे हैं। इसमें माहेश्वरी की बहन और गिरीश की पत्नी श्रृति माहेश्वरी और उनकी मां अन्नपूर्णा माहेश्वरी भी गिरीश के साथ डायरेक्टर हैं। इंदौर में पहला प्रोजेक्ट होने के नाते इसका नाम रखा गया है एमपीएम होम्स फर्स्ट, जो बिचौली हप्सी एरिया में बायपास पर मैन रोड पर ही बन रहा है।

इस तरह है 700 करोड़ का प्रोजेक्ट

यह प्रोजेक्ट बिचौली हप्सी 6 एकड़ जमीन पर है। यहां पर हाईराइज जी प्लस 12 मंजिला सात टावर बनेंगे। यहां पर चार और पांच बीएचके के लग्जरी फ्लैट्स बनेंगे, जो 2700, 4000 और 4600 वर्गफीट एरिया के हैं। कुल फ्लैट एरिया दस लाख वर्गफीट हो रहा है। बुकिंग सात हजार रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से की जा रही है। यानी दस लाख वर्गफीट एरिया के हिसाब से कुल प्रोजेक्ट की कीमत 700 करोड़ रुपए है। यहां प्रति फ्लैट कीमत इस हिसाब से 1.90 करोड़ से लेकर 3.20 करोड़ रुपए तक होती है।



प्रोजेक्ट को लेकर इतने सारे विवाद

मेसर्स एमपीएम ने बिचौली हप्सी पटवारी हल्का नंबर 53 के सर्वे नंबर 447/2, 448/1/1/2, 448/1/2, 448/2/1/2, 453/1/1/3, 453/1/1/2 की 2.409 हेक्टेयर जमीन का सौदा अप्रैल 2019 में अमरजोत डेवलपर्स एंड फायनेंस प्रालि से किया। यह सौदा 9.92 करोड़ रुपए में हुआ।

इसमें 5.09 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका था और बाकी 2.41 और 2.41 के दो पोस्ट डेटेड चेक अमरजोत कंपनी को दिए गए, जिनकी भुगतान तिथि अगस्त और नवंबर 2019 थी। इन पोस्ट डेटेड चेक के आधार पर रजिस्ट्री हो गई। लेकिन इसके बाद कंपनी ने बाकी राशि का भुगतान नहीं किया।

इसके चलते कंपनी ने परेशान होकर रजिस्ट्री निरस्त कराने के लिए जिला कोर्ट की शरण ली और अक्टूबर 2023 में कोर्ट केस दर्ज किया। इस केस में एमपीएम होम्स ने जवाब दिया कि जमीन सौदे की शर्तों के अनुसार कोई विवाद होने पर आर्बिट्रेशन में मामला जाना चाहिए। इसके बाद केस आर्बिट्रेशन में गया और अब आर्बिट्रेशन ने दोनों पक्षों को यथास्थिति का आदेश देते हुए जमीन विक्रेता को राहत दी है।

केस की जानकारी छिपा टीएंडसीपी, निगम मंजूरr

अब इस मामले के दौरान सभी सरकारी विभागों ने आंखें मूंद लीं। टीएंडसीपी में इस प्रोजेक्ट के लिए नक्रो का आवेदन दिसंबर 2024 में किया गया और इसे 8 जनवरी 2025 को पास कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम ने भवन अनुज्ञा जारी कर दी। इस दौरान प्रोजेक्ट कंपनी ने शपथपत्र दिया कि किसी भी तरह का कोई न्यायलयीन प्रकरण नहीं चल रहा है। जबकि इस दौरान जिला कोर्ट में केस चल रहा था, जिसे छिपाया गया।

जमीन विक्रेता अमरजोत कंपनी ने 8 जनवरी को टीएंडसीपी से नक्शा पास होने पर 16 जनवरी को आपत्ति जताई, जिस पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है। वहीं नगर निगम में भी इसी दौरान भवन अनुज्ञा शाखा में आपत्ति लगी, लेकिन इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि जमीन विवाद देखना हमारा काम नहीं है, टीएंडसीपी से ही मंजूरी निरस्त होगी तो कार्रवाई करेंगे। जबकि निगम में भी यह प्रावधान है कि गलत जानकारी देने पर मंजूरी स्वतः रद्द मानी जाएगी। कंपनी ने कोर्ट केस और जमीन विवाद की जानकारी सभी से छिपाई।

सबसे अहम, रेरा और पर्यावरण की मंजूरी ही नहीं


सबसे अहम बात यह है कि जो ग्राहकों से धोखाधड़ी से जुड़ी हुई है। इस प्रोजेक्ट को अभी तक पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है और बिना पर्यावरण मंजूरी के कोई भी काम शुरु नहीं किया जा सकता है। लेकिन मौके पर काम शुरु हो गया है और खुदाई हो रही है। मप्र स्टेट एनवायरनमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (ईपीसीओ) से प्रोजेक्ट की मंजूरी अभी तक नहीं हुई है। वहीं, जमीन विक्रेता ने वहां भी प्रोजेक्ट को लेकर आपत्ति लगा दी है।

वहीं, रेरा से अभी तक प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली है। प्रोजेक्ट प्रबंधन ने इसके लिए आवेदन किया है, लेकिन जब तक रेरा मंजूरी नहीं आती है, प्रोजेक्ट का न तो ब्रोशर छपता है और न ही बुकिंग शुरु की जाती है। लेकिन इन सभी विवादों के बीच में प्रोजेक्ट कंपनी एमपीएम होम्स ने ब्रोशर छपवा लिए और प्रोजेक्ट की बुकिंग भी शुरु कर दी है। वहीं, रेरा में भी इस प्रोजेक्ट को लेकर आपत्ति लग गई है और रेरा मंजूरी जारी करने से पहले संबंधित जमीन विक्रेता के पक्ष को भी सुना जाएगा।


प्रोजेक्ट से जुड़े लोग क्या बोल रहे हैं !

जमीन विक्रेता अमरजोत का कहना है कि यह सौदा गिरीश मालपानी और प्रतीक माहेश्वरी के साथ हुआ, कई बार बात करने के बाद भी बाकी चेक का भुगतान नहीं किया। इसलिए सभी जगह आपत्ति लगाई है और इसकी जानकारी भी सार्वजनिक दे दी है, ताकि कोई भी इस प्रोजेक्ट में प्रॉपर्टी लेकर बेवजह कानूनी विवाद में न उलझे। वहीं, प्रतीक माहेश्वरी का कहना है कि मेरा इस प्रोजेक्ट से कोई वास्ता नहीं है (प्रतीक कागज पर नहीं है, लेकिन उनके परिजन इसमें शामिल हैं)। उधर गिरीश मालपानी ने कोई जवाब नहीं दिया।

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