आधे लीवर में था कीड़ों का सिस्ट...पानी और जानवरों के ज्यादा संपर्क में रहने की वजह आई सामने
एमवाय अस्पताल में 20 डॉक्टरों की टीम ने चार घंटे तक किया ऑपरेशन, मिली सफलता
इंदौर. इंदौर के एमवाय अस्पताल में कुछ दिन पहले एक अनोखा और बेहद जटिल ऑपरेशन किया गया, जिसमें 50 वर्षीय एक मरीज के शरीर से लाखो कीड़े निकाले गए। यह ऑपरेशन 20 डॉक्टरों की टीम ने चार घंटे तक चलाकर सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मामला न केवल असाधारण था, बल्कि चिकित्सीय दृष्टिकोण से भी चुनौती से भरा हुआ था।
राजगढ़ जिले का निवासी यह 50 वर्षीय मरीज पेशे से किसान है और बीमारी के पहले तक वह अपने खेतों में भैंसों तथा बैलों का पालन करता था। शुरुआत में उसे पेट में दर्द, भारीपन, शरीर में खुजली और एक्जिमा जैसी समस्याएं महसूस होने लगीं, जो बुखार से जुड़ी नहीं थीं। स्थानीय अस्पताल में उपचार के बावजूद लक्षणों में कोई राहत नहीं मिली। मानसून के दौरान सूजन और बढ़ गई, जिससे मरीज को इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एमवाय अस्पताल में मरीज की जाँच के दौरान एक बड़ा हाइडेटिड सिस्ट पाया गया, जो लगभग 20 बाय 16 सेंटीमीटर का था। यह बीमारी 'एक्जीनोकॉकस' नामक टेपवर्म की वजह से हुई थी, जो खासतौर पर जानवरों के संपर्क में रहने और जानवरों के मल व साफ पानी ने से फैलता है। डॉ. अरविंद घनगोरिया की अगुवाई में सर्जरी की योजना बनाई गई। यह सर्जरी अत्याधुनिक तकनीक से की गई, जिसमें बिना बड़े चीरे के लैप्रोस्कोपिक सिस्टेक्टॉमी प्रक्रिया का उपयोग किया गया।
डॉ. घनगोरिया के अनुसार, मरीज के लीवर में लगभग एक फुबॉल के आकार का सिस्ट था, जिससे मरीज को बहुत अधिक दर्द हो रहा था। सिस्ट में लाखों, छोटे कीड़े थे, जो अंगूर के दानों के आकार के थे। इस सिस्ट को हटाते हुए, सर्जरी टीम ने उस पर मौजूद सारे कीटाणुओं को दवाइयों से नष्ट किया और सक्शन मशीन से बाहर किया। ऑपरेशन के दौरान आधा लीवर हटा दिया गया, क्योंकि सिस्ट ने उसके 50% हिस्से को डेमेज कर दिया था।
यह जटिल सर्जरी एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन और लैप्रोस्कोपिक सर्जन प्रो. डॉ. अरविंद घनगोरिया की निगरानी में की गई। टीम में डॉ. नवीन गुप्ता, डॉ. फरीद खान, डॉ. दीपक मंडलोई, , डॉ. शालिनी जैन, डॉ. पारुल जैन, आदि शामिल थे। इस ऑपरेशन को चार घंटे तक सफलता से चलाया गया और मरीज अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है।
सर्जरी टीम के प्रमुख डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि यह बीमारी साफ पानी के जरिए फैलती है, जिसमें सूक्ष्म कीटाणु होते हैं। डॉ. घनगोरिया ने अग्निबाण अखबार के माध्यम से लोगों को सलाह दी कि पानी को साफ रखना और जंक फूड से बचना बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक दुर्लभ बीमारी है, जो सिर्फ मांसाहारी लोगों को ही नहीं, बल्कि शाकाहारी लोगों को भी हो रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की बीमारियां लिवर, लंग्स और ब्रेन को भी प्रभावित कर सकती हैं और यह बीमारी पानी और मिट्टी के जरिए भी फैलती है। उन्होंने कहा, ऐसी बीमारी होने की मुख्य वजह ज्यादा पानी पूरी खाना, जंक फूड और शराब का सेवन करना भी है।


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