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किसानों की हुई जीत, मध्य प्रदेश सरकार ने पूरी तरह निरस्त की उज्जैन सिंहस्थ लैंड पूलिंग नीतिFarmers have won, the Madhya Pradesh government has completely repealed the Ujjain Simhastha land pooling policy.

 उज्जैन: मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में सिंहस्थ मेले को लेकर लाई गई लैंड पूलिंग नीति को पूरी तरह निरस्त कर दिया है. भारतीय किसान संघ मध्य प्रदेश में लंबे वक्त से लैंड पूलिंग एक्ट का विरोध कर रहा था. किसान संघ की मुख्य मांग उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में लगभग 18 गांव के हजारों किसानों की 2376 हैक्टर करीब भूमि सरकार द्वारा अधिग्रहण करने के मामले में एक्ट निरस्त को लेकर थी. बीते 17 नवंबर को सरकार ने भारतीय किसान संघ को भोपाल बुलाकर मौखिक आश्वासन दिया था कि लैंड पुलिंग निरस्त कर रहे हैं.

इस पर खुशी जताते हुए किसानों ने 18 नवंबर से उज्जैन में 'घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन' निरस्त कर दिया था. लेकिन 2 दिन बाद जब एक्ट में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से संशोधन की अधिसूचना जारी हुई तो किसानों में आक्रोश व्याप्त हुआ और फिर 26 दिसंबर से घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन की तारीख का ऐलान हुआ.

पूरी तरह निरस्त की लैंड पूलिंग नीतिअब 16 दिसंबर को एक बार फिर सरकार ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से अधिसूचना जारी की और स्पष्ट किया की उज्जैन विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित नगर विकास स्कीम क्रमांक 8, 9, 10 एवं 11 को पूर्ण रूप से निरस्त किया जाता है. मतलब लैंड पूलिंग योजना को पूरी तरह उज्जैन में निरस्त कर दिया जाता है.

क्या थी ये लैंड पुलिंग स्कीम?लैंड पुलिंग स्कीम के तहत यह निर्णय हुआ कि, सिंहस्थ क्षेत्र में 50 प्रतिशत जमीन किसान के पास रहेगी, 50 प्रतिशत में सरकार निर्माण करेगी. जिसमें 25 प्रतिशत में सड़क, बीजली, सीवर लाइन, स्ट्रोम वाटर ड्रेन, अंडरग्राउंड लाइन बिजली, पानी व अन्य 5 प्रतिशत पर पार्क, झुले, जिम, लॉन, प्लांटेशन, वॉकिंग पाथवे, 5 प्रतिशत पर अस्पताल, स्कूल, जनसुविधा केंद्र, पार्किंग व अन्य बनेंगे. बाकी कि, 15 प्रतिशत जरूरत के अनुसार उपयोग में लिए जाने का निर्णय लिया है.

भाजपा विधायकों का समर्थनकिसान संघ के विरोध के बीच उज्जैन उत्तर विधानसभा से भाजपा विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, आलोट सीट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने सरकार के खिलाफ जाकर किसानों का समर्थन किया था. कांग्रेस ने विधायकों के इस समर्थन का स्वागत कर विधायकों पर तंज भी कसा था.

अब सिंहस्थ टेंट तंबू में हीविरोध प्रदर्शन के बाद सरकार का ये बड़ा निर्णय सरकार ने वापस लिया है. लगभग 2000 करोड़ से अधिक इस योजना में सरकार लगाने वाली थी और सिंहस्थ क्षेत्र में पक्के निर्माण करने वाली थी. हालांकि अब सिंहस्थ पूर्व की तरह टेंट तंबू में ही देखने को मिलेगा. किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने खुशी जताते हुए कहा, ''किसान एवं जनहित में सरकार का निर्णय है, मध्य प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हैं.''

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