*मगर क्या कारण है कि महीनों बाद भी गुजरात अवैध शराब तस्करी की लिए विख्यात अलीराजपुर और विंध्य की कमर्शियल कैपिटल सतना कैसे संवेदनशील जिलों में नए अफसरों की पोस्टिंग की जगह महिला अफसरों को महीनों से डबल चार्ज?*
*बड़ा सवाल यह भी है कि क्या सरकार की नजर में आबकारी विभाग में लूप लाइन में बैठे अफसरों में कोई भी काबिल नहीं जिन्हें खाली जिलों में पदस्थ किया जाए,या बड़े अफसरों के बीच खेल ही कुछ और चल रहा है (डबल चार्ज का)!*
*हालांकि सूत्रों की माने तो देवास में हुई नए साहब की पोस्टिंग से अनभिज्ञ आबकारी आयुक्त तब आश्चर्यचकित हो गए बगैर औपचारिकताओं के सीधे ऑर्डर की कॉपी उन तक पहुंची, क्योंकि साहब ने तो किसी और का प्रस्ताव बनाने की तैयारी की थी।*
*वैसे मध्यप्रदेश सरकार आबकारी विभाग में लगातार महिला अफसरों पर डबल चार्ज का विश्वास जताती आई है। हालांकि वर्तमान में महिला अफसर का मामला जरूर सरकार को भारी पड़ गया!*
*आगामी वित्तीय वर्ष की शुरुवात के साथ ही मध्यप्रदेश आबकारी की सबसे बड़ी मैनेजमेंट की कुर्सी (इंदौर डीसी) कुर्सी भी खाली होने वाली है, जिसपर काबिज होने के लेकर मध्यप्रदेश की राजधानी से लेकर देश की राजधानी सहित संतरों की नगरी तक में पैठ जमाई जा रही है।*
मगर होगा वहीं जो.......जिसकी चाल ढाल सीधी होगी।


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