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62 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा MP नागरिक आपूर्ति निगम, प्रतिदिन चुका रहा 14 करोड़ ब्याजMP Civil Supplies Corporation is in debt of Rs 62,000 crore and is paying Rs 14 crore in interest every day

 भोपालः मध्य प्रदेश में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं और धान की खरीद करने वाला नागरिक आपूर्ति निगम गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहा है। निगम पर कुल देनदारी बढ़कर 62 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी है, जबकि प्रतिदिन करीब 14 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाना पड़ रहा है। यह स्थिति मुख्य रूप से केंद्र सरकार से खाद्यान्न भुगतान समय पर न मिलने के कारण बनी है


विधानसभा में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने दी जानकारी

विधानसभा में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने यह जानकारी सुनील उइके और सुशील कुमार तिवारी के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि बकाया राशि बढ़ने से प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज देनदारी भी लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में निगम को हर दिन लगभग 14 करोड़ रुपये केवल ब्याज के रूप में चुकाने पड़ रहे हैं, जो राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है।

निगम को भारी-भरकम ऋण लेना पड़ा

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि पिछले कई वर्षों में समर्थन मूल्य पर खरीद और अन्य योजनाओं के संचालन के लिए निगम को भारी-भरकम ऋण लेना पड़ा। मार्च 2021 में निगम पर 37,381 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो मार्च 2022 में बढ़कर 44,612 करोड़ रुपये हो गया।

इसके बाद मार्च 2023 में यह आंकड़ा 39,442 करोड़, मार्च 2024 में 35,998 करोड़ और मार्च 2005 में 47,652 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। वहीं 13 नवंबर 2025 तक नागरिक आपूर्ति निगम पर कुल 62,944 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है।

भुगतान रुकने का एक बड़ा कारण गुणवत्तायुक्त उपज का मुद्दा भी

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि भुगतान रुकने का एक बड़ा कारण गुणवत्तायुक्त उपज का मुद्दा भी है। कई बार किसानों के दबाव में ऐसी उपज भी खरीद ली जाती है जिसे भारतीय खाद्य निगम (FCI) स्वीकार नहीं करता। जब तक केंद्र सरकार खाद्यान्न को सेंट्रल पूल में लेकर उसकी राशि जारी नहीं करती, तब तक नागरिक आपूर्ति निगम को अपने स्तर पर ब्याज का भार वहन करना पड़ता है। भुगतान मिल जाने पर भी कुल राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा अंतिम लेखा-जोखा के लिए रोक लिया जाता है।

केंद्र से लंबित भुगतान जल्द जारी करने की मांग

राज्य सरकार इस वित्तीय संकट से उबरने के लिए केंद्र से लंबित भुगतान जल्द जारी करने की मांग कर रही है, ताकि ब्याज बोझ कम किया जा सके और खरीफ-रबी खरीद प्रणाली सुचारू तरीके से जारी रहे।

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