मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बरेली-पिपरिया पहुंच मार्ग पर ग्राम नया गांव के पास एक बड़ा हादसा हो गया. यहां तकरीबन 40 से 50 साल पुराना पुल भरभराकर गिर गया, जिससे पुल के ऊपर से गुजर रहे दो मोटरसाइकिल सवार समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल रेफर किया गया है. गनीमत यह रही कि जिस समय पुल ढहा, उस वक्त पुल के नीचे मरम्मत का काम कर रहे मजदूर तुरंत भाग निकले, वरना बड़ा जनहानि हो सकती थी.
मरम्मत कार्य के बावजूद हादसा, MP-RDC पर लापरवाही के आरोप
स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल का तकरीबन 50 फीट हिस्सा गिरा है. ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल कई वर्षों से क्षतिग्रस्त था. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि पुल के नीचे बीते आठ दिन से मरम्मत का कार्य चल रहा था. मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि मरम्मत का काम चलने के बावजूद भी MPRDC द्वारा मार्ग को बंद नहीं किया गया, जिससे पुल के ऊपर से भारी वाहनों का आवागमन जारी रहा. जब पुल पर काम चल रहा था, तो भारी वाहनों को निकलने की अनुमति क्यों दी गई? मजदूरों को बगैर किसी सुरक्षा के पुल के नीचे काम करने के लिए क्यों लगाया गया था? ग्रामीणों का मानना है कि अगर 6 मजदूर दब जाते, तो इसका जिम्मेदार कौन होता?
स्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
घटना की सूचना मिलते ही राज्य स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल तत्काल अधिकारियों और MPRDC के इंजीनियरों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. मंत्री पटेल ने अधिकारियों को तत्काल आदेश दिए हैं कि राज्य और नेशनल हाईवे पर मौजूद 40 वर्ष से अधिक पुराने सभी पुलों की तत्काल जांच कराई जाए और उन्हें सुरक्षित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि MPRDC आखिर पुराने पुलों का रखरखाव क्यों नहीं कर पा रही है और क्या वह ऐसे ही बड़े हादसों का इंतजार करती रहेगी.

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