इंदौर। नेशनल हाईवे के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच राऊ सर्कल फ्लायओवर का मामला अब बड़ा विवाद बन चुका है। लगभग 47 करोड़ रुपए की लागत से बना यह फ्लायओवर बीते वर्ष दिसंबर 2024 में ही लोकार्पित हुआ था, लेकिन महज कुछ ही महीनों में इसके ऊपर बनाई गई डामर सड़क पहली बारिश में इतनी बुरी तरह उखड़ गई कि पूरा फ्लायओवर गड्ढों से पट गया। रोजाना 70 हजार से अधिक वाहनों के गुजरने वाले इस महत्वपूर्ण फ्लायओवर पर बड़े-बड़े खतरनाक गड्ढों के कारण कई दुर्घटनाएं हुईं और एक युवक की मौत भी हो गई। गुणवत्ता को लेकर आई लगातार शिकायतों के बाद नेशनल हाईवे अधिकारियों ने पहले पेंचवर्क करवाया, फिर गड्ढों को भरने के लिए पेवर ब्लॉक लगा दिए। लेकिन इससे वाहन चालकों की परेशानी और बढ़ गई। स्थिति तब गंभीर हुई जब मामला दिल्ली तक पहुंचा और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमित चौरसिया ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर ठेकेदार कंपनी मेसर्स विंध्य कंस्ट्रक्शन पर कार्रवाई की मांग की।
नेशनल हाईवे विभाग ने अब ठेकेदार कंपनी को निर्देश दिया है कि पूरी डामर सड़क हटाकर उसकी जगह सीमेंट कांक्रीट की नई सड़क बनाई जाए। अधिकारियों का कहना है कि डामर की मरम्मत बार-बार करनी पड़ रही थी, इसलिए टिकाऊ विकल्प अपनाना जरूरी हो गया था। फिलहाल फ्लायओवर के एक हिस्से में खुदाई करके काम शुरू किया गया है ताकि दूसरी ओर का यातायात बाधित न हो। काम दो चरणों में होगा—पहले दो लेन की डामर सड़क हटाकर सीमेंट कांक्रीट बिछाई जाएगी, इसके बाद दूसरी लेन पर काम शुरू किया जाएगा।
फ्लायओवर की खराब स्थिति के कारण न केवल मुख्य सड़क बल्कि सर्विस रोड भी क्षतिग्रस्त हुई। बारिश में पानी भरने से वहां वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय विधायक मधु वर्मा ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए नेशनल हाईवे अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और ठेकेदार से ही सड़क सुधारने के लिए कहा। टेंडर की शर्तों के अनुसार फ्लायओवर का रखरखाव पांच साल तक ठेकेदार कंपनी के जिम्मे है, लेकिन इतनी जल्दी सड़क का उखड़ जाना निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब सीमेंट कांक्रीट की नई सड़क बनने के बाद उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में वाहन चालकों को ऐसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा, हालांकि अभी निर्माण कार्य के दौरान यातायात को सुचारु रखना भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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