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SIR के विरोध में सड़कों पर उतरी ममता Mamata took to the streets to protest against SIR

पश्चिम बंगाल में SIR पर सियासी उबाल, CM ममता ने निकाला पैदल मार्च; कहा- जान दे दूंगी, मगर...?

बिहार के बाद बंगाल में अब मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस  (TMC) इसका लगातार विरोध कर कर रही है तो बीजेपी SIR के समर्थन में है। TMC ने इसे केंद्र सरकार की साजिश करार देते हुए कड़ा विरोध जताया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसके विरोध में सड़कों पर उतरे और TMC का कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च निकाला।



4 नवंबर से देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई। 9 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया चलेगी। मगर बंगाल में SIR ks पहले दिन ही जबर्दस्त सियासी संग्राम देखने को मिला। TMC ममता बनर्जी के अगुवाई में SIR के विरोध में सड़कों पर उतरी तो BJP के नेता भी  मतादाता विशेष गहन पुनरीक्षण के समर्थन में जुलुस निकाला।

TMC ने SIR को लेकर आरोप लगाया है कि  यह वोटर लिस्ट में धांधली का प्रयास है, जिसके जरिए बीजेपी विरोधी वोटों को काटा जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार शाम को SIR को लेकर कोलकाता के रेड रोड पर हजारों कार्यकर्ताओं के साथ करीब 4 किलोमीटर लंबा विरोध मार्च निकाला। इस दौरान ममता के हाथ में संविधान की प्रति थी। उन्होंने  चुनाव आयोग पर केंद्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।

किसी का भी अधिकार छीनने नहीं दूंगी-ममता

मार्च के दौरान नारे लगाते हुए टीएमसी समर्थकों ने एसआईआर 2.0 को 'लोकतंत्र की हत्या' बताया। पैदल मार्च खत्म होने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, बीजेपी की मिलीभगत से चुनाव आयोग लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार छीनना चाहती है। सीएम ममता ने यहां तक कह दिया कि 'मैं जान दे दूंगी, मगर किसी का भी अधिकार छीनने नहीं दूंगी। एक भी वैध मतदाता का नाम कटने पर दिल्ली जाकर बड़े आंदोलन व घेराव की उन्होंने फिर चेतावनी दी।

दिल्ली में बैठी सरकार को ही हटा दो-ममता

ममता बनर्जी ने आग कहा, लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई जारी रहेगी। कभी आधार को जरूरी बताते हैं, कभी कहते हैं इसकी जरूरत नहीं है। आप कितने कार्ड बनाएंगे? राशन कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, किसान कार्ड, श्रमिक कार्ड। इसलिए बेहतर होगा कि एक बदलाव करें और दिल्ली में बैठी सरकार को ही हटा दें।

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