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संतो के प्रवचन चलते रहें और हम डंडा लेकर पहरा देते रहें, मोहन भागवत ने RSS को दिया नया रोल !Let the saints' sermons continue and we keep guard with sticks, Mohan Bhagwat gives RSS a new role

 जबलपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि भारत धर्म और संस्कृति का देश है. पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. इसके साथ ही संघ प्रमुख ने कहा कि भारत में संतों के प्रवचन चलता रहे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रवचन के बाहर डंडा लेकर खड़ा रहेगा. यही हमारी संतों के प्रति सेवा है. संत हमारे भावों को समझते हैं, इसलिए वह हमारा उद्धार करेंगे. ये बातें मोहन भागवत ने जबलपुर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के प्रमुख संत महंत स्वामी महाराज के जीवन उत्कर्ष महोत्सव में भाषण में कही.


स्वामी महाराज का मनाया जा रहा जीवन उत्कर्ष महोत्सव

बीएपीएस स्वामी नारायण मंदिर के सबसे प्रमुख संत महंत स्वामी महाराज का जीवन उत्कर्ष महोत्सव आज से जबलपुर में मनाया जा रहा है. यह कार्यक्रम 5 दिनों तक चलेगा. बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के महंत स्वामी महाराज का जन्म जबलपुर में हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा भी जबलपुर में ही हुई थी. जबलपुर में ही उन्होंने बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था से जुड़ना शुरू किया था. इसलिए यह आयोजन जबलपुर में हो रहा है.

आयोजन में अक्षरधाम मंदिर से जुड़े हुए 200 से ज्यादा संत पूरी दुनिया से जबलपुर पहुंचे हैं. पूरी दुनिया के 55 देश में अक्षरधाम स्वामीनारायण संस्था की लगभग 1800 मंदिर हैं और महंत स्वामी महाराज का जबलपुर से नाता होने की वजह से यह आयोजन महत्वपूर्ण हो जाता है. आयोजन में स्वामी भद्रेश दास द्वारा प्रमुख स्वामी महाराज के ऊपर लिखी एक पुस्तक का विमोचन करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत इस आयोजन में शामिल हुए.

'संतो के प्रवचन चलते रहें और हम डंडा लेकर पहर देते रहें'

मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित कहते हुए कहा, "संतों के प्रवचन चलते रहें और हम बाहर डंडा लेकर पहरा देते रहें. संघ भारत में इसी भूमिका में है. मोहन भागवत का कहना है कि यह एक किस्म की सेवा है, जिससे संत समझते हैं. संत भाव समझते हैं. यदि हमें ज्ञान नहीं है, पुराण मालूम नहीं है, वेद मालूम नहीं है, तो भी संत आपके भाव की वजह से आपके साथ रहकर आपका उद्धार कर सकते हैं."

आरएसएस प्रमुख भागवत का कहना है कि "प्रमुख स्वामी महाराज के ऊपर लिखी हुई किताब जीवन दर्शन देती है. इसका हमें पालन करना है और खुद को सुधारना है. खुद के साथ अपने साथ के लोगों को सुधारना है. इसके साथ ही देश को भी सुधारना है, क्योंकि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. भारत के अलावा दुनिया के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है. भारत देश धर्म संस्कृति के लिए प्रायोजित है और धर्म संस्कृति के लिए ही जीता है और धर्म संस्कृति के लिए ही उसको जीना है. इस तरह से हम एक साथ तीन कार्य करेंगे."

जबलपुर में चल रही है आरएसएस की कार्यकारणी बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की वार्षिक बैठक जबलपुर में चल रही थी. इसी के सिलसिले में मोहन भागवत जबलपुर आए हुए हैं. मोहन भागवत जबलपुर 25 अक्टूबर आए थे और 4 नवंबर को वह जबलपुर से नागपुर प्रस्थान करेंगे. आरएसएस प्रमुख ने बताया कि वह अक्षरधाम स्वामीनारायण संस्था से हमेशा जुड़े रहे हैं. प्रमुख स्वामी महाराज से भी वे लगातार मिलते रहे इसके साथ ही महंत स्वामी महाराज से भी उनका संपर्क है.

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