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अब स्मार्ट होंगी शराब की दुकानें, शराबियों को मिलेंगे ज्यादा प्रीमियम ब्रांड्सLiquor shops will now be smart, allowing alcoholics to access more premium brands.

 सरकार अपनी नई आबकारी नीति का मसौदा तैयार कर चुकी है, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस नीति का मुख्य लक्ष्य दिल्ली में शराब की बिक्री व्यवस्था को और पारदर्शी, consumer-friendly और आधुनिक बनाना है।


सरकारी नियंत्रण रहेगा जारी

मसौदे में यह साफ कर दिया गया है कि शराब की खुदरा बिक्री पर नियंत्रण पूरी तरह से सरकार के हाथों में रहेगा। इसका मतलब है कि फिलहाल निजी शराब दुकानों को खोलने की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह निर्णय पिछली नीतियों के अनुभवों को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि पारदर्शिता और नियंत्रण दोनों बनाए रखा जा सके।

स्मार्ट होंगी शराब की दुकानें

नई नीति के तहत शराब की दुकानों को मार्डन स्मार्ट लुक दिया जएगा। अब तक जो सरकारी वेंडर छोटे, भीड़भाड़ वाले और जालीदार काउंटरों से चलते थे, उन्हें आधुनिक रूप दिया जाएगा। दुकानों को खुला, आकर्षक और 'मॉल जैसा' बनाने की योजना है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और सुरक्षित खरीदारी का अनुभव मिल सके।

प्रति बोतल लाभांश बढ़ाने की तैयारी

इस मसौदे का एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रति बोतल मुनाफे की सीमा को बढ़ाना है। सूत्रों के अनुसार IMFL पर ₹50 से अधिक का लाभांश तय किया जा सकता है। इस कदम से उच्च गुणवत्ता वाले और विविध ब्रांडों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे दिल्ली के बाज़ार में प्रीमियम सेगमेंट की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी।

ब्रांड और उपभोक्ता अनुभव पर जोर

सरकार की इस नई नीति का फोकस केवल राजस्व बढ़ाना नहीं है, बल्कि उपभोक्ता अनुभव और ब्रांड विविधता पर भी है। सरकार चाहती है कि दिल्ली के उपभोक्ताओं को देश-विदेश के अधिक से अधिक ब्रांड मिलें और शराब खरीदना एक व्यवस्थित और सम्मानजनक प्रक्रिया बन सके।

अगले वित्तीय वर्ष से हो सकती है लागू

मसौदे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उम्मीद है कि यह नई आबकारी नीति अगले वित्तीय वर्ष से प्रभावी हो सकती है।

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