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“बच्चों में छिपा उजाला” “The light hidden in children”

  “बच्चों में छिपा उजाला”



लेखिका – डॉ. रीना पाटील 
(प्राचार्य, ज्ञानोदय महाविद्यालय, एम.आई.जी., इंदौर)

हर साल 14 नवंबर को हम बाल दिवस मनाते हैं — यह दिन हमारे प्यारे बच्चों को समर्पित है। यह सिर्फ़ एक तिथि नहीं, बल्कि उस मुस्कुराहट, उस मासूमियत और उस उजाले का उत्सव है जो बच्चों से हमारे जीवन में आता है।

आज का दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम अपने बच्चों को कैसा भविष्य दे रहे हैं, और वे अपने सपनों को कैसे उड़ान दे सकते हैं।

 हर बच्चा एक कहानी है

हर बच्चा अपने अंदर एक नई कहानी लेकर आता है — कोई कल्पना की दुनिया में खोया रहता है, कोई हर सवाल का उत्तर ढूँढ़ता है, कोई चित्र बनाता है तो कोई संगीत रचता है।

एक शिक्षक के रूप में मैंने हमेशा महसूस किया है कि जब बच्चों को विश्वास, अवसर और प्रेम दिया जाता है, तो वे चमत्कार कर दिखाते हैं।

बच्चे बीज की तरह होते हैं — अगर उन्हें स्नेह और सही मार्गदर्शन मिले, तो वे जीवन का सबसे बड़ा पेड़ बन सकते हैं।

 बच्चों से सीखने की कला

अक्सर हम सोचते हैं कि शिक्षक सिखाता है, और बच्चा सीखता है,

पर सच यह है कि बच्चों से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है —

उनका जिज्ञासु मन, उनका निडर हृदय, उनकी मुस्कुराहट, और उनकी सच्चाई — ये सब हमें जीवन जीने का असली अर्थ सिखाते हैं।

जब कोई बच्चा गिरकर भी मुस्कुराता है, तो वह हमें सिखाता है कि जीवन में हारना नहीं, उठना जरूरी है।

बच्चे हमें यह भी सिखाते हैं कि छोटी-छोटी चीज़ों में भी खुशी कैसे ढूँढी जाती है।

 खुद पर विश्वास रखना सीखो


बच्चों, हमेशा याद रखो —

तुम्हारे भीतर वो शक्ति है जो तुम्हें हर कठिनाई से निकाल सकती है।

कभी खुद को कम मत समझना।

अगर आज कोई कहे कि “यह तुम्हारे बस की बात नहीं,” तो हँसकर कहना — “मैं कोशिश करूँगा और करके दिखाऊँगा।”

क्योंकि इतिहास में हर महान व्यक्ति कभी किसी का छोटा बच्चा ही था — जिसने सपने देखे, और उन्हें सच करने की हिम्मत दिखाई।


 सपनों को पंख दो

सपने देखना मत छोड़ो।

जो बच्चा सपने देखता है, वही कल नया भविष्य बनाता है।

लेकिन सपने तभी पूरे होते हैं जब हम मेहनत और अनुशासन को अपना साथी बना लें।

हर सुबह एक नया अवसर लेकर आती है — खुद से वादा करो कि मैं अपने आज को कल से बेहतर बनाऊँगा।

छोटी-छोटी मेहनतें ही बड़े परिणाम लाती हैं।


 एक अच्छा इंसान बनो

बच्चों, जीवन में केवल सफल बनना ही पर्याप्त नहीं है, अच्छा इंसान बनना भी उतना ही ज़रूरी है।

तुम्हारे पास अगर दूसरों की मदद करने की भावना है, तो तुम पहले से ही महान हो।

ईमानदारी, दया और सच्चाई जैसे गुण तुम्हें उस ऊँचाई तक ले जाएंगे जहाँ लोग तुम्हारा नाम नहीं, तुम्हारा चरित्र याद रखेंगे।

हमेशा अपने माता-पिता, शिक्षकों और देश के प्रति आदर रखना।

क्योंकि उनका आशीर्वाद ही तुम्हारा सबसे बड़ा बल है।


 एक शिक्षक की ओर से

मेरे प्यारे विद्यार्थियों,

जब मैं तुम्हें देखती हूँ, तो मुझे देश का आने वाला कल दिखाई देता है।

तुम्हारी आँखों में जो चमक है, वही भारत का भविष्य है।

तुमसे मेरी यही प्रार्थना है —

कभी डरना मत,

कभी हार मत मानना,

और हमेशा सच्चे रास्ते पर चलना।

तुमसे बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि मैं जानती हूँ —

हर बच्चा अपने भीतर एक उजाला लिए जन्म लेता है।

बस उस उजाले को पहचानो, उसे सँभालो और दुनिया को रोशन कर दो।


 अंत में

बाल दिवस का अर्थ केवल खेल या मस्ती नहीं है,

बल्कि यह उस ‘नए भारत’ का जश्न है, जो तुम्हारे सपनों से बनेगा।

हर मुस्कान, हर प्रयास, हर सफलता तुम्हारे और हमारे देश के भविष्य को उज्जवल बनाती है।

तो बच्चों, मुस्कुराओ, सपने देखो, मेहनत करो और आगे बढ़ो —

क्योंकि तुम्हारे भीतर है वो प्रकाश, जो पूरी दुनिया को रोशन कर सकता है। 

“बचपन की मुस्कान ही जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा है।” 

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