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जेन जी और बदलाव के नए सूत्र, किसी के भी व्यापार को चमकाने और गिराने का माद्दाJen G and the new formula for change, the power to make or break any business

 शाहजी केतके

दिनों जेन जी वह पीढ़ी है, जो किसी के व्यापार को चमका सकती है और गिरा भी सकती है। यही वह पीढ़ी है, जिसकी जेब में पैसा है। इसलिए इसे खुश करने के तरह-तरह के उपाय खोजे जा रहे हैं। इस पीढ़ी के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह इंस्टाग्राम या इंस्टा पीढ़ी है। यानी कि जो कुछ भी इसके जीवन में चल रहा है, उसके फोटो खींचकर इसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लगाने हैं। किसी छोटी-से छोटी घटना को भी फोटो के रूप में कैद करके वाहवाही लूटनी है।इस पीढ़ी को बाहर खाने का भी बहुत शौक है। मशहूर होटल हों, रेस्त्रां हों, पब हों, काम के बाद शाम के घंटों में इस पीढ़ी के अधिकांश लोग यहीं पाए जाते हैं। खाते-पीते, होटल में खड़े, कॉफी का कप थामते फोटो खींचना है, खिंचवाना है और लगाना है।व्यवसायियों को जल्दी से जल्दी लोकप्रिय होने का यह तरीका समझ में आ गया है, जहां पब्लिसिटी पर उनका कुछ खर्च नहीं होना है। हां, उनके होटल या रेस्त्रां के फोटो अच्छे होने चाहिए। ये युवा गूगल पर अक्सर सर्च भी करते रहते हैं कि इंस्टा के लिए लंदन में, वाशिंगटन में, दुबई आदि में कौन-से होटल या रेस्त्रां अच्छे हैं। होटल मालिकों ने इस बात को समझ लिया है। 


इसे समझने से पहले उन्होंने इस बात का पता लगाया कि कहां फोटो अच्छे आ सकते हैं। जहां ज्यादा भीड़-भाड़ न हो।

 लड़के-लड़कियां आराम से फोटो खींच सकें।ये ट्रेंड कोविड के बाद ज्यादा बढ़ा। बस करना यह है कि किसी खाद्य पदार्थ की आकर्षक तस्वीर खींचें, उसे खाते दिखें और लोगों को बताएं कि यहां आकर किस-किस खाद्य पदार्थ को खाया जा सकता है। इस रेस्त्रां या होटल की खासियत क्या है। इस फोटो को खींचने में तरह-तरह के रंगों, रोशनियों और फिल्टर का इस्तेमाल भी किया गया हो। जब ये इंस्टा पर आता है, तो देखते-देखते छा जाता है। लोग उस स्थान की तरफ दौड़ पड़ते हैं, जहां ये खाद्य पदार्थ मिल रहे हैं। होटल भी हिट और फोटो लगाने वाला भी। दिलचस्प यह है कि अच्छा खाना पृष्ठभूमि में चला गया है, प्राथमिकता अच्छे फोटोज की है।इसीलिए, अब लोग अच्छे खाने के मुकाबले गूगल से यह पूछते हैं कि अमुक शहर में इंस्टाग्राम के लिए फोटो खींचने के लिए अच्छे होटल या रेस्त्रां कौन-कौन से हैं। और एक लंबी-चौड़ी लिस्ट सामने आ जाती है।ऐसे बहुत से ग्रुप्स हैं, जो इस तरह की लिस्ट लगातार जारी करते रहते हैं। क्रेब कम्युनिकेशंस के टॉम रोजर्स का कहना है कि इन दिनों इंस्टाग्राम को ध्यान में रखकर ही होटल बनाए जा रहे हैं।

 उनकी साज-सज्जा की जा रही है। बाथरूम्स पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उनमें बहुत-सी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। तरह-तरह की लाइट्स लगाई जा रही हैं। उम्मीद की जाती है कि इन बाथरूम्स में ज्यादा से ज्यादा लोग आएंगे। यहां आकर अपने फोटो खींचेंगे और सोशल मीडिया पर लगाएंगे। इन दिनों बाथरूम्स इंस्टाग्राम के लिए फोटो खींचने के लिए फेवरेट लोकेशंस हैं।एक अध्ययन में पाया गया कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स एक रेस्त्रां में अपने तरह-तरह के अनुभवों को जल्दी से जल्दी शेयर करना चाहते हैं।

 वे बाथरूम्स या रेस्टरूम्स में जाकर सबसे ज्यादा तस्वीरें खींचते हैं। इसी अध्ययन में पता चला कि इंस्टा पर इन रेस्टरूम्स की हजारों, लाखों की संख्या में फोटोज मौजूद हैं। इन फोटोज में चमकते हुए सिंक, बड़े-बड़े शीशे, छत पर लटकी लाइट्स, दमकती हुई टाइल्स, साफ-सुथरे तौलिए, खुशबूदार बड़े ब्रांड्स के साबुन आदि दिखाई देते हैं।इन दिनों तो यहां तरह-तरह के कार्टून्स और पेंटिंग्स आदि भी दिखाई देती हैं। रेस्टरूम्स की सज्जा पर मालिकान बहुत पैसे खर्च कर रहे हैं, जिससे कि होटल या रेस्त्रां की ब्रांड वैल्यू बढ़ सके। जेन जी को बाथरूम्स के भी सौंदर्य को महसूस कर लोगों को दिखाना है।कई मालिकों का कहना है कि खाना चाहे जितना अच्छा हो, अगर बाथरूम्स या रेस्टरूम्स में सुविधाएं नहीं हैं, वे साफ-सुथरे और आकर्षक नहीं हैं, और  लोग सोशल मीडिया पर असुविधाजनक, अनाकर्षक बाथरूम्स को दिखाने लगें, तो उनका इंप्रेशन खराब हो सकता है। सोचा जा सकता है कि अगर बाथरूम्स इतने गंदे हैं, तो किचन भी इतना ही गंदा होगा।निष्कर्ष यह कि गंदे किचन में पका खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यदि किसी खान-पान के स्थान के सोशल मीडिया पर नकारात्मक रिव्यूज हों, तो उसे बंद होने में कितनी देर लगेगी। जबकि इसके उलट एक साफ-सुथरे बाथरूम के इंप्रेशन और लग्जरी को युवा पीढ़ी याद रखती है। इसीलिए कहा जा रहा है कि जेन जी के लिए नया महत्वपूर्ण कमरा बाथरूम है।  

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