सम्पादकीय
भारत के जो राजनेता और तथा कथित पत्रिकार भारत में मुसलमानो के असुरक्षित होने की बात करते हैं उन्हें इंग्लैंड और बांग्लादेश की ताजा हिंसा को देख लेना चाहिए। इन दोनों देशों की ताजा हिंसा की जड़ में मुस्लिम भावना ही रही है। मुस्लिम राष्ट्र बांग्लादेश में तो सत्तारुढ़ आवामी लीग और विरोधियों के बीच लगातार संघर्ष हो रहा है। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शेख हसीना के कार्यकाल में आम नागरिकों पर जुर्म हो रहा है। यानी मुस्लिम शासक मुसलमान पर ही जुर्म कर रहे हैं। हिंसक झड़पों में 100 से ज्यादा मुसलमान मारे गए हैं। 4 अगस्त को भी पूरे बांग्लादेश में हिंसा होती रही। हिंसा पर नियंत्रण पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। हो सकता है की प्रदर्शनकारीयो को नियंत्रित करने के लिए सेना का इस्तेमाल करना पड़े। भारत में मुसलमान को असुरक्षित बताने वाला राजनेता और तथाकथित पत्रिकार बताएं कि आखिर बांग्लादेश में मुस्लिम शासक ही मुसलमान पर अत्याचार क्यों कर रहे हैं?
बांग्लादेश में मुसलमानो की स्थिति को देखकर भारत में रहने वाले मुसलमान को आकलन करना चाहिए। बांग्लादेश ही नहीं इंग्लैंड में भी इन दोनों प्रवासी नागरिकों और प्रवासी विरोधी लोगों के बीच हिंसा हो रही है। विगत दिनों इंग्लैंड के साउथ पोर्ट के एक क्लब में तीन लड़कियों की हत्या कर दी गई। सोशल मीडिया पर किसी ने अफवाह फैला दी कि हत्यारा प्रवासी मुस्लिम परिवार का सदस्य है। इस अफवाह के बाद इंग्लैंड में रह रहे मुस्लिम प्रवासियों पर हमले हुए। चुन चुन कर मुस्लिम प्रवासियों को निशाना बनाया गया लेकिन अब पता चला है कि हत्यारा इंग्लैंड में ही जन्म और उसका संबंध किसी ईसाई परिवार से है। भारत में मुसलमान को असुरक्षित मानने वाले इंग्लैंड की ताजा हिंसा का भी अध्ययन कर ले। भारत में जब कभी ऐसी हिंसा होती है तो किसी समुदाय को नुकसान होता है यह भारत के लोग अच्छी तरह जानते हैं।
भारत में तो अपने विशेष अधिकारों के साथ मुसलमान रह रहे हैं। इसे भारत की सनातन संस्कृति की अच्छाई ही कहा जाएगा कि हिंदू समुदाय के लोग सूफी परंपरा वाली दरगाहों में जाकर जियारत तक करते हैं। भारत में धर्म के आधार पर किसी के भी साथ भी भेद भाव नहीं किया जाता जबकि पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं के हालात जागीर है। इन मुस्लिम देशों में जो हिंदू बच्चे हैं उन्हें भी भारत आना पढ़ रहा है। इसे गंभीर चिंता का विषय ही कहा जाएगा कि कुछ राजनेताओं और तथाकथित पत्रकारों को पड़ोसी मुस्लिम देशों में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नजर नहीं आते। यहां तक की मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर में भी आतंकवादी हिंदुओं को ही निशाना बनाते हैं।
Post a Comment