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सुबह की धूप नहीं, तो हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन-डी लेने का सही समय क्या हैIf there is no morning sunlight, then what is the right time to take Vitamin D for bone strength??

 विटामिन-डी की कमी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, जिससे ज्यादातर भारतीय पीड़ित हैं। यह विटामिन हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है, खासकर हड्डियों के लिए। चाहे आप भरपूर मात्रा में कैल्शियम ले रहे हैं, लेकिन अगर आपमें विटामिन-डी कम है, तो आपकी हड्डियां कमजोर ही रहेंगीलेकिन हड्डियों का स्वास्थ्य बनाए रखने में विटामिन-डी की क्या भूमिका है और इसकी कमी को पूरा करने के लिए कितनी देर धूप  लेना जरूरी है? आइए विटामिन-डी से जुड़े इन्हीं सवालों के जवाब जानते हैं। 


सुबह की धूप काफी है?

इसका सीधा सा जवाब है, नहीं। जब विटामिन-डी बनाने की बात आती है, तो सुबह की धूप (जैसे सुबह 7-8 बजे) असरदार नहीं मानी जाती। दरअसल, हमारी त्वचा में विटामिन-डी तब बनता है जब यह सूरज की यूवी-बी किरणों के संपर्क में आती है। सुबह के समय वातावरण में यूवी-बी किरणों की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए विटामिन-डी के लिए सुबह की धूप लेना असरदार नहीं है

विटामिन-डी के लिए धूप लेने का सही समय क्या है?

विटामिन-डी बनाने के लिए सबसे असरदार समय दोपहर का समय माना जाता है। सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच की धूप सबसे अच्छी होती है। इस दौरान सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं और यूवी-बी किरणों भी सबसे ज्यादा होती है, जो त्वचा के नीचे मौजूद कोलेस्ट्रॉल को विटामिन-डी में बदलने का काम करती हैं।

कितनी देर की धूप जरूरी है?

यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है, जैसे व्यक्ति की त्वचा का रंग, उम्र, जहां वह रहता है और मौसम।

गोरी त्वचा- गोरी त्वचा में मेलेनिन कम होता है, इसलिए उन्हें लगभग 15-20 मिनट की धूप काफी हो सकती है।

सांवली या गहरी त्वचा- सांवली त्वचा में मेलानिन ज्यादा होता है, जो यूवी-बी किरणों को रोकता है। ऐसे में लगभग 30-45 मिनट तक धूप में रहने की सलाह दी जाती है।

बुजुर्ग- उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में विटामिन-डी बनाने की क्षमता कम हो जाती है, इसलिए उन्हें थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

धूप सेंकते समय शरीर के बड़े हिस्से (जैसे हाथ, पीठ, पैर) खुले हों तो बेहतर है।

सनस्क्रीन लगाकर धूप में बैठने से विटामिन-डी नहीं बन पाता, इसलिए बिना सनस्क्रीन के ही धूप लें।

खिड़की के कांच के पार धूप लेना बेकार है, क्योंकि कांच यूवी-बी किरणों को रोक देता है।

विटामिन-डी हड्डियों के लिए क्यों जरूरी होता है?

कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में मददगार- विटामिन-डी हमारी आंतों में कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन के लिए जरूरी है। अगर विटामिन-डी की कमी होगी, तो शरीर खाने से मिलने वाले कैल्शियम को ठीक से सोख नहीं पाएगा, भले ही आप दूध और पनीर भरपूर मात्रा में खाएं।

हड्डियों के निर्माण और मजबूती में भूमिका- विटामिन-डी सीधे तौर पर हड्डी बनाने वाले सेल्स की गतिविधि को नियंत्रित करता है। यह हड्डियों के मिनरलाइजेशन की प्रक्रिया के लिए भी जरूरी है, जिससे हड्डियां सख्त और मजबूत बनती हैं।

विटामिन-डी की कमी होने पर शरीर को हड्डियों की मरम्मत और विकास के लिए पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल पाता। इसके कारण  बच्चों में रिकेट्स नामक बीमारी हो सकती है, जिसमें हड्डियां नरम और कमजोर होकर टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। वहीं, वयस्कों में ऑस्टियोमैलेशिया हो सकता है, जिसमें हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी आती है।

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