ग्वालियर। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने महागठबंधन और उसके नेताओं पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल दल केवल अपनी विरासत की रियासत चलाना चाहते हैं, जनता की सेवा करना उनका उद्देश्य कभी रहा ही नहीं। उन्होंने परिवारवाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सोनिया के बाद राहुल, फिर प्रियंका और आखिर में “इनकी लंका”। जिस तरह मुलायम के बाद अखिलेश और अखिलेश के बाद डिंपल, ठीक उसी तरह दूसरी पार्टियों में भी परिवारवाद हावी है। इसी क्रम में उन्होंने राहुल गांधी की तुलना भस्मासुर नामक राक्षस से कर दी।
नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी एक बार फिर मजबूत होकर उभरेगी और आरजेडी का “अंत” तय है। उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए यात्राएं निकाल रहे थे, जनता ने चुनाव परिणामों के जरिए उन्हें करारा जवाब दे दिया है। उनके अनुसार, राहुल गांधी दो अंकों में भी नहीं आ पाए और 10 सीटें भी हासिल नहीं कर सके। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव के पहले ही वे पचमढ़ी घूमने चले आए थे, जिससे साफ है कि उन्हें अपनी हार का अंदाजा पहले ही हो गया था।
पूर्व मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भ्रम की राजनीति चली, लेकिन अब देश भ्रम में नहीं आएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आरजेडी और राहुल गांधी—दोनों का “सफाया” हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जिस किसी के साथ खड़े होते हैं, उसका राजनीतिक अस्तित्व खत्म हो जाता है। राहुल के विदेश दौरों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ आई तो वे मॉरीशस चले गए, देश में कोरोना फैला तो वह इटली चले गए। जनता अब इन बातों को समझ चुकी है और इसलिए उनके वादे भी स्वीकार नहीं किए गए।
नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व को बिहार की जनता ने पूरी तरह स्वीकार कर लिया है और तीन चौथाई बहुमत की सरकार इसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की सीटों पर बीजेपी और नीतीश की पार्टी ने जीत दर्ज की है, वहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति की सीटों पर भी बड़ी जीत मिली है। उनके अनुसार, देश अब जाति आधारित राजनीति को स्वीकार नहीं करेगा और ऐसे लोग कितनी भी कोशिश करें, जनता अब भ्रम में नहीं आने वाली।
उन्होंने पुअंत में कहा कि कुछ ही समय में विरोधी दल फिर ईवीएम और वोट चोरी का मुद्दा उठाना शुरू कर देंगे, क्योंकि कांग्रेस की रणनीति यही है—राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल न उठे, इसलिए मशीन और सिस्टम पर सवाल उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह संसदीय बोर्ड तय करेगा।

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