आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया. वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ मचने से 9 लोगों की जान चली गई. मरने वालों में 8 महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं. हादसे के वक्त मंदिर में हजारों लोग मौजूद थे.
कैसे हुआ हादसायह घटना कसीबुग्गा इलाके की है, जहां एक निजी व्यक्ति ने अपनी जमीन पर वेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर बनवाया हुआ है. शनिवार को यहां पूजा का आयोजन रखा गया था. सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई थी. लेकिन मंदिर में आने और जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था
भीड़ बढ़ने के साथ ही धक्का-मुक्की शुरू हो गई. इसी दौरान लोहे की ग्रिल अचानक टूट गई. मंदिर की सीढ़ियां करीब 7 फीट ऊंची थीं, और लोग सीधे नीचे जमीन पर गिर गए. इससे भगदड़ मच गई और कई लोग दब गए.
पुलिस को नहीं थी जानकारीश्रीकाकुलम के एसपी केवी महेश्वर रेड्डी ने बताया कि यह मंदिर पूरी तरह निजी जमीन पर बना है. उन्होंने कहा, “मंदिर के संचालक ने प्रशासन या पुलिस को इस कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं दी थी. अगर हमें पहले से बताया जाता तो सुरक्षा इंतजाम किए जा सकते थे.”एसपी ने बताया कि जब पुलिस को जानकारी मिली तब तक हादसा हो चुका था. उन्होंने कहा, “हमने तुरंत फोर्स भेजी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. अब स्थिति पूरी तरह शांत है.”हजारों लोग थे मौजूदहादसे के वक्त मंदिर परिसर में करीब 3,000 से 3,500 लोग मौजूद थे. पुलिस के मुताबिक, घायलों में से दो लोगों की हालत गंभीर है, जबकि बाकी लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल इस पूजा में बड़ी भीड़ आती है, लेकिन इस बार व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल हो गईं. किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि एक धार्मिक कार्यक्रम ऐसी त्रासदी में बदल जाएगा..
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की मौत बेहद दुखद और हृदयविदारक है. सीएम ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों को तुरंत और बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए. उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि हादसे की पूरी जांच कराई जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं.
मुख्यमंत्री नायडू ने ट्वीट किया, ‘काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ की खबर से मैं स्तब्ध हूं. इस दुर्घटना में श्रद्धालुओं की मौत अत्यंत दुखद है. मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों को तुरंत और समुचित चिकित्सा सुविधा दी जाए और राहत कार्यों में कोई कोताही न बरती जाए.’
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मंदिर की क्षमता लगभग 2,000 से 3,000 श्रद्धालुओं की है, लेकिन कार्तिक एकादशी के मौके पर करीब 25,000 लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे. अधिक भीड़ के कारण रैलिंग टूट गई और श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे भगदड़ मच गई.
प्रशासनिक अधिकारियों ने माना है कि भीड़ नियंत्रण में लापरवाही और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था इस त्रासदी का मुख्य कारण रही. मुख्यमंत्री नायडू ने जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिया है कि वे स्थल पर रहकर राहत कार्यों की निगरानी करें.
फिलहाल पुलिस ने मंदिर परिसर को खाली करा लिया है और घटनास्थल की जांच जारी है. प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

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