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8th Pay Commission: पेंशन बढ़ेगी या नहीं? 2 दिसंबर को 3 सवालों के जवाब देंगी वित्त मंत्री, दूर करेंगी कंफ्यूजन8th Pay Commission: Will pensions increase or not? The Finance Minister will answer three questions on December 2nd to clear up any confusion.

 देश में आठवें वेतन आयोग की चर्चा तेज है। कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद है कि वेतन आयोग लागू होते ही उनकी सैलरी और पेंशन बढ़ जाएगी। हालांकि, 3 नवंबर को टर्म ऑफ रेफ्रेंस का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही कई सवाल उठने लगे हैं। पेंशनभोगियों के मन में सवाल है कि क्या आठवीं सेंट्रल पे कमीशन (8th Central Pay Commission) के जरिए केंद्र सरकार उनकी पेंशन बढ़ाने जा रही है? तो अब पेंशनभोगियों को घबराने की जरूरत नहीं। क्योंकि इस सवाल का जवाब जल्दी ही मिलने वाला है।


राज्यसभा के सदस्यों ने पूछे सवाल

2 दिसंबर 2025 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा जाएगा कि क्या पेंशन और वेतनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और राहत (DA और DR) को बेसिक पे में मिला कर तुरंत राहत दी जाएगी या नहीं। साथ ही पूछा जाएगा कि पेंशन सुधार का प्रावधान 8वीं पे कमीशन में शामिल नहीं किया गया है, ऐसा क्यों?

वित्तमंत्री के सामने रखे ये 3 सवाल

क्या सरकार ने हाल ही में आठवें सेंट्रल पे कमीनशन (8th CPC) के गठन की अधिसूचना जारी की है? यदि हां, तो उसकी विस्तृत जानकारी और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) के विवरण क्या हैं?

क्या सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए मौजूदा डीए और डीआर को बेसिक पे के साथ मर्ज करने जा रही है? अगर हां, तो उसके विवरण क्या हैं? यदि नहीं, तो इसके पीछे क्या कारण है?

क्या 8th CPC में केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन संशोधन (Pension Revision) का प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया है? यदि नहीं किया गया, तो इसके कारण क्या हैं?

भाषा विभाग की वेबसाइट पर जारी प्रश्नों की सूची में साफ लिखा है कि सरकार को बताना है कि क्या 8वीं CPC की अधिसूचना जारी हुई है, इसके निर्देश क्या हैं, और पेंशन-संबंधित प्रस्ताव शामिल है या नहीं।

कर्मचारियों और पेंशनर्स की चिंता

आठवें वेतन आयोग का गठन तो हो चुका है और इसका अध्यक्ष नामित हो चुका है। आयोग अपनी रिपोर्ट अगले 12-18 महीने में दे सकता है। लेकिन पेंशनर्स व कर्मचारियों की चिंता अब यही है कि क्या पेंशन की दर और राहतों में कोई बदलाव होगा।

इधर, कई कर्मचारी यूनियनों और पेंशनर्स समूहों ने TOR में पेंशन सुधार का स्पष्ट उल्लेख न होने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अगर डीए और डीआर का विलय बेसिक पे में हो जाए, तो पेंशनर्स के लिए तत्काल राहत मिलेगी। वहीं यदि पेंशन सुधार नहीं हुआ, तो पुरानी पेंशन दरों से गुजरना होगा।

अब सबकी निगाहें 2 दिसंबर के संसद के शीतकालीन सत्र की ओर हैं, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा जाएगा कि पेंशनर्स के लिए क्या फैसले लिए जा रहे हैं। तब यह साफ हो जाएगा कि 8वीं पे कमीशन पेंशनर्स को राहत देगा या सिर्फ वादों में ही सीमित रहेगा।

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