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300 रुपये की सैलरी से लेकर पौने पांच करोड़ की संपत्ति तक, लोकायुक्त टीम पता लगाने पहुंची कहा से आया इतना पैसाFrom a salary of Rs 300 to assets worth Rs 2.75 crore, the Lokayukta team is investigating the source of all this money.

 

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति लाबरिया के प्रबंधक गोवर्धन मारू पटेल के लाबरिया स्थित आवास, फार्म हाउस और निजी गोदामों पर लोकायुक्त इंदौर की टीम ने बुधवार तड़के कार्रवाई करते हुए करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का पर्दाफाश किया है।


सुबह छह बजे शुरू हुई इस संयुक्त सर्च कार्रवाई में टीम ने आवास से लेकर खेत, गोदाम, फार्म हाउस और किराए पर दिए गए मकान तक की तलाशी ली और अनेक दस्तावेज, आभूषण, वाहन तथा कृषि सामग्री बरामद की। 1984 में 300 रुपये मासिक वेतन पर सेल्समैन के रूप में भर्ती हुए मारू 41 साल तक पौने पांच करोड़ रुपये के मालिक बन गए। लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।

तलाशी में एक्सयूवी कार, हार्वेस्टर मशीन भी मिली

कार्रवाई में धार जिले के लाबरिया स्थित सरदारपुर–बदनावर रोड पर आरोपित के आवास से दो लाख चार हजार 115 रुपये नकद, 145 ग्राम सोना कीमत 15 लाख 52 हजार 550 रुपये, एक किलो 230 ग्राम चांदी तथा फर्नीचर, मोबाइल, एसी आदि सहित 16 लाख 98 हजार 500 मूल्य की सामग्री मिली है। दो मंजिला, भूमि के दस्तावेज, आठ बैंक खातों की जानकारी और बीमा पॉलिसियों के दस्तावेज भी मिले। तलाशी में एक एक्सयूवी कार, पार्टनरशिप में हार्वेस्टर मशीन और एक बाइक मिली।

291 प्रतिशत अनुपातहीन संपत्ति मिली

लोकायुक्त टीम के आय–व्यय के विश्लेषण में पता चला कि आरोपित वर्ष 1984 में 300 रुपये मासिक वेतन पर सेल्समैन के रूप में भर्ती हुआ था और वर्तमान में 65 हजार रुपये मासिक वेतन प्राप्त करता है। अब तक उसकी अनुमानित वेतन-भत्ता आय 80 लाख तथा पैतृक कृषि भूमि से अनुमानित आय 40 लाख जोड़कर वैध कुल आय लगभग एक करोड़ 20 लाख बनती है, जबकि इसके विपरीत आरोपित के पास कुल चार करोड़ 69 लाख 88 हजार 77 रुपये की चल-अचल संपत्ति पाई गई, जो लगभग 291 प्रतिशत अनुपातहीन संपत्ति है।

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