नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की चंडीगढ़ जोनल यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए डिजिटल विजन फार्मा कंपनी के पार्टनर अनुज कुमार को रुड़की से गिरफ्तार किया है. यह वही कंपनी है जो साल 2020 में उस वक्त चर्चा में आई थी जब इसके कफ सीरप पीने से जम्मू-कश्मीर में दर्जनों बच्चों की मौत हो गई थी. NCB सूत्रों के मुताबिक यह कंपनी अब भी नशीली दवाओं की अवैध सप्लाई में शामिल थी और बड़ी मात्रा में ट्रामाडोल कैप्सूल और कोडीन युक्त कफ सिरप को फर्जी एजेंसियों के ज़रिए बेच रही थी.
सूत्रों के अनुसार NCB की जांच में सामने आया कि M/s Digital Vision नाम की यह कंपनी NRX और साइकॉट्रॉपिक ड्रग्स बनाती है. जिनका इस्तेमाल गंभीर खांसी और दर्द के इलाज में होता है. लेकिन कंपनी ने इन्हीं दवाओं को नशे के कारोबार में बदल दिया. सूत्रों के अनुसार आरोपी अनुज कुमार पर आरोप है कि उसने तिवारी मेडिकल एजेंसी (देहरादून) और राजस्थान की दो फर्जी एजेंसियों को अवैध रूप से करीब 50 लाख टैबलेट्स और 12 हजार कफ सिरप की बोतलें बेचीं.
फर्जी बिल और बैंक रिकॉर्ड से खुला राज
एनसीबी ने बताया कि जांच के दौरान जब्त किए गए बिल, बैंक रिकॉर्ड और डिलीवरी स्लिप्स से साबित हुआ कि डिजिटल विजन कंपनी ने एक साल छह महीने की अवधि में करीब 48 लाख ट्रामाडोल कैप्सूल और 12 हजार बोतल कफ सिरप फर्जी फर्मों को सप्लाई कीं. ये फर्में जोधपुर और देहरादून में कागजों पर बनाई गई थीं. उनका जमीन पर कोई अस्तित्व नहीं था. इन डील्स के भुगतान का लिंक पहले से गिरफ्तार एक सह-आरोपी से मिला है.
डिजिटल विजन थी नेटवर्क की मुख्य कड़ी”
एनसीबी सूत्रों के मुताबिक डिजिटल विजन एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क की मुख्य सप्लायर थी. जांच में यह भी पाया गया कि कंपनी ने MD-VI सर्टिफिकेट रद्द होने के बाद भी उत्पादन और भंडारण गतिविधियां जारी रखीं. यह कदम इस बात का संकेत है कि कंपनी जानबूझकर अवैध मादक पदार्थों की सप्लाई श्रृंखला का हिस्सा बनी हुई थी.
कई पुराने केस भी दर्ज, पूछताछ जारी
NCB सूत्रों ने बताया कि अनुज कुमार के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. फिलहाल उससे पूछताछ जारी है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों और वितरण चैनल्स का भी पता लगाया जा सके. एनसीबी का कहना है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का विस्तार से खुलासा किया जाएगा.

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