प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी साउथ अफ्रीका यात्रा पूरी करके सोमवार सुबह राजधानी दिल्ली लौट आए. उन्होंने अपनी इस यात्रा को सफल बताया. जोहान्सबर्ग में 22-23 नवंबर को अपने आधिकारिक दौरे के बीच पीएम मोदी ने दुनिया के कई नेताओं से बातचीत की.
अमेरिका के बहिष्कार के बावजूद नेताओं ने जी-20 घोषणापत्र को मंजूरी दे दी. यह बहुध्रुवीय विश्व में विकास, जलवायु समेत अन्य मुद्दों पर सुधार के नए सिरे से एक होने का संकेत मिलता है. इसमें शामिल देशों ने वैश्विक निष्पक्षता, बहुपक्षीय पुनर्गठन और सतत विकास पर केंद्रित 122-पॉइंट वाले दस्तावेज को मंजूरी दी.
उनकी खास द्विपक्षीय बैठक में से एक इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ थी, जहाँ दोनों पक्षों ने आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए इंडिया-इटली संयुक्त पहल को अपनाया और आतंकवाद से लड़ने के अपने साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
बैठक की जानकारी शेयर करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट किया कि दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, तकनीकी, एआई, रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष, शोध, अन्वेषण और सांस्कृति सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की.
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-29 पर हुई प्रगति पर खुशी जताई और 2026 में भारत में होने वाले एआई समिट के लिए पीएम मेलोनी के मजबूत समर्थन पर गौर किया. पीएम मोदी ने जी20 समिट के तीसरे सेशन को भी संबोधित किया, जिसमें सभी के लिए एक सही और न्यायपूर्ण भविष्य पक्का करने पर फोकस किया गया.
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि चर्चा जरूरी मिनरल्स और एआई जैसे जरूरी सेक्टर्स पर केंद्रित थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत वित्त संचालित या एक्सक्लूसिव के बजाय मानव केंद्रित, वैश्विक और खुला स्रोत तकनीकी को बढ़ावा देने में विश्वास रखता है.
उन्होंने एआई के लिए भारत के नजरिए पर जोर दिया जो सबके लिए बराबर पहुँच, जनसंख्या-स्तरीय कौशल विकास और जिम्मेदार तैनाती पर आधारित है. उन्होंने कहा कि भारत के एआई मिशन का मकसद यह पक्का करना है कि एआई के फायदे हर जिले और भाषा तक पहुँचे और उन्होंने एआई के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एक वैश्विक समझौता बनाने की अपील की. इसमें डीपफेक, क्राइम और आतंकवाद शामिल हैं. भविष्य को देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत फरवरी 2026 में 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' थीम के तहत एआई इम्पैक्ट समिट होस्ट करने की तैयारी कर रहा है.
उन्होंने आज की नौकरियों के बारे में सोचने के बजाय कल के लिए काबिलियत बनाने की जरूरत पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि जी20 आने वाले सालों में टैलेंट मोबिलिटी के लिए एक ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाएगा ताकि इनोवेशन को बढ़ावा मिले और दुनिया भर के युवाओं को फायदा हो.

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