सम्पादकीय
बिहार में 6 और 11 नवंबर को ... विधानसभा के चुनाव होने है। 26 अक्टूबर को एक चुनावी सभा में विपक्ष के महागठबंधन के मुख्यमंत्री के चेहरे तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर केंद्र सरकार के वक्फ कानून को कचरे के ढेर में फेंक दिया जाएगा। तेजस्वी यादव ने केंद्र के इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताया। ऐसा लगता है कि तेजस्वी ने नए वक्फ कानून को पढ़ा ही नहीं है। इस कानून के मुताबिक वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय को बढ़ाया जाएगा और प्राप्त राशि को गरीब मुसलमानों के विकास पर खर्च किया जाएगा। चूंकि बिहार में अति पिछड़ा मुसलमानों की संख्या ज्यादा है,
इसलिए नए कानून का फायदा इन्हीं मुसलमानों को मिलेगा, लेकिन तेजस्वी यादव को गरीब मुसलमानों की चिंता के बजाए उन प्रभावशाली मुसलमानों की चिंता है जिन्होंने वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है। केंद्र सरकार के नए कानून में वक्फ संपत्तियों को कब्जा मुक्त करना भी है। तेजस्वी नहीं चाहते कि वक्फ संपत्तियों का लाभ आम मुसलमान को मिले। सवाल उठता है कि जब वक्फ संपत्तियों का लाभ सिर्फ मुसलमानों को ही मिलेगा तो फिर नए वक्फ कानून का विरोध क्यों किया जा रहा है? मौजूदा समय में बिहार सहित पूरे देश में वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा है। प्रभावशाली मुस्लिम नेता ही वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर बैठे हैं। बिहार के अति पिछड़ा मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि नया वक्फ कानून उन्हीं के हित में है।
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