उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यात्रियों की सुविधा के लिए जल्द ही हाइड्रोजन बसें चलेंगी. इसकी घोषणा मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने की है. यीडा के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ऐसा पहली बार होगा, जब हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली बसें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में शामिल होंगी. आपको बता दें कि इससे न तो धुआं निकलेगा और न ही किसी तरह का कोई प्रदूषण होगा.
नोएडा एयरपोर्ट के शुरुआत के साथ ही हाइड्रोजन बसें यात्रियों की सुविधा के लिए समर्पित कर दी जाएगी. ये बसें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एयरपोर्ट के बीच चलाई जाएंगी. यीडा के अधिकारियों के मुताबिक, तीन साल के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 45 सीटों वाली चार लग्जरी AC बसें चलाई जाएंगी. इन बसों को जिम्मेदारी यीडा और एनटीपीसी दोनों के पास होंगी. एक तरफ जहां यीडा बसों के लिए ड्राइवर और कंडक्टर की व्यवस्था करेंगी, तो वहीं दूसरी तरफ एनटीपीसी हाइड्रोजन उत्पादन, ईंधन भरने और रखरखाव का काम संभालेगी.
जानें कब शुरु होगी हाइड्रोजन बस
आपको बता दें कि इससे पहले एनटीपीसी लेह-लद्दाख में भी हाइड्रोजन बसों का संचालन कर चुकी है. यीडा के सीईओ और नोएडा एयरपोर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर.के. सिंह ने बताया कि पहली दो हाइड्रोजन बसें तैयार हो चुकी हैं और बाकी दो बसें कुछ ही दिनों में तैयार हो जाएंगी. नवंबर के मध्य तक इसे आम जनता के लिए खोलने की योजना है. सिंह ने बताया कि यह पहल प्रदूषण-मुक्त, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल आवागमन का नया विकल्प पेश करेगी.
600 किलोमीटर होगी रेंज
सिंह ने बताया कि ये बसें किसी भी प्रकार की हानिकारक गैस नहीं छोड़तीं, बल्कि केवल जल वाष्प उत्सर्जित करती हैं. इससे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वाहन प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. इन बसों की खास बात यह है कि इनमें हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक का उपयोग किया गया है, जो हवा से ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन मिलाकर बिजली उत्पन्न करती है. यह ऊर्जा बस को चलाती है और इसके उत्सर्जन के रूप में केवल जलवाष्प निकलता है. बसों में एक बार हाइड्रोजन गैस भरने पर ये लगभग 600 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिससे इसमें बार-बार ईंधन भरने की जरूरत नहीं होगी.

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