.राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी वजह से शहर में बड़े पैमाने पर आधुनिक परिवहन सुविधाओं का विकास किया गया है। अब अयोध्या पहुंचना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा आरामदायक, तेज और सुविधाजनक बन गया है।चाहे यात्री हवाई मार्ग, रेल या सड़क से आएं हर रूट अब पूरी तरह आधुनिक स्वरूप में तैयार है। आइए इन सुविधाओं पर नजर डालते हैं, ताकि अयोध्या जाने की योजना बनाते समय यात्रा से जुड़ी कोई चिंता न रहे।
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
अयोध्या का महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब शहर की नई पहचान बन चुका है। करीब 6,500 वर्ग मीटर में फैला इसका विशाल टर्मिनल श्रीराम मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित है। यह एयरपोर्ट सालाना 60 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है, जिससे यह प्रदेश के प्रमुख हवाई अड्डों में शामिल हो गया है। बड़े विमानों की लैंडिंग और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा को और आसान बना दिया है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु के साथ-साथ नेपाल और अन्य पड़ोसी देशों से कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है।
अयोध्या धाम जंक्शन
ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए अयोध्या में अब बिल्कुल नया अनुभव मिलता है। 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार अयोध्या धाम जंक्शन तीन मंजिला, आधुनिक और IGBC प्रमाणित ग्रीन स्टेशन है। स्टेशन पर लिफ्ट, एस्केलेटर, चाइल्ड केयर रूम, क्लॉक रूम, वेटिंग रूम और स्वच्छ प्लेटफॉर्म की सुविधाएं मौजूद हैं। लगभग 2300 करोड़ रुपये की तीन नई रेल परियोजनाओं ने दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर से कनेक्टिविटी को और मजबूत किया है। भीड़ के बावजूद यात्रियों को अब व्यवस्थित और सहज यात्रा का अनुभव होता है।
आधुनिक सड़कें
अयोध्या की सड़कें अब केवल आकर्षक ही नहीं, बल्कि बेहद व्यावहारिक भी हैं। रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्रीराम जन्मभूमि पथ जैसे मार्गों ने मंदिर तक पहुंचने का समय काफी कम कर दिया है। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा अयोध्या पहुंचना अब काफी सुगम हो गया है। UPSRTC की 24×7 बस सेवा ने बजट यात्रियों के लिए सफर को और सरल बना दिया है। चौड़ी सड़कें त्योहारों और खास अवसरों के दौरान ट्रैफिक को बेहतर ढंग से संभालती हैं।
ग्रीनफील्ड बाईपास
अयोध्या की तेज यात्रा का प्रमुख आकर्षण 67.57 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड बाईपास है। यह रूट शहर को लखनऊ, बस्ती और गोंडा से हाई-स्पीड नेटवर्क से जोड़ता है। इस मार्ग के बनने से यात्रा समय में 66.67% की कमी दर्ज हुई है, जबकि औसत गति 250% तक बढ़ी है। यह हाईवे शहर के पर्यटन को नई ऊंचाई देने में अहम भूमिका निभा रहा है।

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