भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर से मिली शिकायत के आधार पर EOW और एसीबी ने विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर विजय कुमार आहके पर कार्रवाई की. आरोपी मैनेजर से महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं इलेक्ट्रॉनिक एविडेन्स भी जब्त किए गए.
आरोपी स्पेशलाइज्ड करेंसी मैनेजमेंट शाखा (SCAB) जो कि एक अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण शाखा है, उसका चीफ मैनेजर था. वह अन्य बैंक शाखाओं को कैश पहुंचाने व मैनेज करने के प्रमुख के तौर पर पदस्थ था.
चीफ मैनेजर को थी ट्रेडिंग की लत
EOW और ACB ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विजय कुमार आहके शाखा प्रमुख रहते हुए बैंक के महत्वपूर्ण इंटरनल ऑफिस अकाउंट (सस्पेन्स अकाउंट-जिसकी कोई लिमिट तय नहीं है) को अपने ट्रेडिंग के लत को पूरा करने के लिये ब्लैंक चेक के तौर पर उपयोग किया. योजनाबद्ध तरीके से लगभग आठ महीनों में 2 करोड़ 78 लाख, 25 हजार 491 रुपये की अवैध निकासी कर अपने एवं अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया.
खातों में गलत इंट्री कर करोड़ों का किया घपला
आरोपी चीफ मैनेजर ने रेड फ्लैग इंडिकेटर (RFI) जो एक बैंक में स्थापित मानक हैं उसको बायपास कर निर्धारित समय जो कि तीस दिन होता था, उससे पूर्व ही मल्टीपल फेक इंट्रीज कर रोल ओवर कर दिया गया. जिससे सिस्टम में कोई भी अलर्ट जनरेट न हो सकें. इस तरह उसके द्वारा शुरू के महीनों में 3-4 फेक इंट्रीज की गई, बाद के महीनों में मल्टीपल फेक इंट्रीज की गई.
बैंक अधिकारियों की लापरवाही
किसी भी सहकर्मी और सुपरवाइजर अधिकारी ने इन फेक इंट्रियों को डिटेक्ट नहीं किया, जो कि डयू डेलिजेन्स की कमी को दिखाता है. यह एक जांच का विषय है. बाद में इस रकम को क्रिप्टो करेंसी, ऑप्शन्स और कमोडिटी ट्रेडिंग में धन एप और डेल्टा एक्श्चेंज के माध्यम से निवेश कर आरोपी ने शासकीय राशि का गबन किया गया.
आरोपी चीफ मैनेजर गिरफ्तार
आरोपी विजय कुमार आहके के खिलाफ ब्यूरो के पास पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर गुरुवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. प्रकरण में अन्य अपराधी अधिकारियों और उनकी भूमिका के संबंध में पूछताछ और जांच की जा रही है.
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